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अधोमानक कीटनाशक बेचने में भी घिर चुकी है गन्ना समिति

- डीएम के आदेश पर सीजेएम कोर्ट में दर्ज कराया जा चुका है मुकदमा - अब ऊंचे रेट पर खाद बेचने पर लाइसेंस निलंबित किया जा चुका है जागरण संवाददाता, अमरोहा: यूरिया की कालाबाजारी ही नहीं अमरोहा गन्ना विकास समिति अधोमानक कीटनाशक बेचने के मामले में भी घिर चुकी है। जुलाई माह में जिलाधिकारी हेमंत कुमार के आदेश पर सीजेएम कोर्ट में इफ्को, निर्माता कंपनी व गन्ना समिति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। संबंधित कीटनाशक को सीज करते हुए उसकी बिक्री पर अब तक रोक है। हालांकि इफ्को व गन्ना समिति ने सीजेएम कोर्ट से कीटनाशक का दोबारा परीक्षण कराए जाने की अनुमति प्राप्त कर ली है। बता दें कि गन्ना एवं अन्य फसलों में कीड़े मकोड़े और दीमक आदि न लगे इसके लिए गन्ना समितियों के माध्यम से किसानों को अनुदान पर कीटनाशक की बिक्री की जाती है। अमरोहा गन्ना समिति में भी गन्ना किसानों को बिक्री के लिए करीब 1

By JagranEdited By: Published: Tue, 15 Jan 2019 11:19 PM (IST)Updated: Tue, 15 Jan 2019 11:19 PM (IST)
अधोमानक कीटनाशक बेचने में भी घिर चुकी है गन्ना समिति
अधोमानक कीटनाशक बेचने में भी घिर चुकी है गन्ना समिति

अमरोहा : यूरिया की कालाबाजारी ही नहीं अमरोहा गन्ना विकास समिति अधोमानक कीटनाशक बेचने के मामले में भी घिर चुकी है। जुलाई माह में जिलाधिकारी हेमंत कुमार के आदेश पर सीजेएम कोर्ट में इफ्को, निर्माता कंपनी व गन्ना समिति के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है।

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बता दें कि गन्ना एवं अन्य फसलों में कीड़े मकोड़े और दीमक आदि न लगे इसके लिए गन्ना समितियों के माध्यम से किसानों को अनुदान पर कीटनाशक की बिक्री की जाती है। अमरोहा गन्ना समिति में भी गन्ना किसानों को बिक्री के लिए करीब 1800 लीटर क्लोरोपाइरिफास-50 (प्रतिशत) की आपूर्ति इफ्को द्वारा की गई थी। इफ्को ने भी इस कीटनाशक रसायन की आपूर्ति के लिए भरुच गुजरात की कंपनी एसोसिएटेट एंटरप्राइजेज से करार किया था। यानी निर्माता कंपनी गुजरात की थी। चूंकि गन्ना समिति एवं इफ्को पर किसानों का भरोसा होता है, इसलिए क्लोरोपाइरिफास को हाथोंहाथ लिया गया। बिक्री के लिए 1800 लीटर रसायन आया था।

उक्त कीटनाशक जांच रिपोर्ट में अधोमानक पाया गया था। क्लोरोपाइरिफास में सक्रिय तत्वों की संख्या काफी कम थी। केवल 24.27 फीसद सक्रिय तत्व ही पाए गए। इस पर जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार ¨सह ने अवशेष 462 लीटर कीटनाशक सीज कर इसकी बिक्री पर रोक लगा दी। साथ ही विक्रेता गन्ना समिति, आपूर्तिकर्ता इफ्को तथा निर्माता कंपनी एसोसिएटेट एंटरप्राइजेज के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया। हालांकि अब सीजेएम कोर्ट से कीटनाशक के दोबारा परीक्षण की अनुमति प्राप्त कर ली गई है। वहीं 12 जनवरी से योगी सरकार ने यूरिया के रेट कम किए थे, लेकिन गन्ना विकास समिति अमरोहा ने पीओएस मशीन में स्टॉक शून्य दिखाकर उसे चोरी छिपे ऊंची दरों पर बेचना शुरू कर दिया था। शिकायत पर जिला कृषि अधिकारी राजीव कुमार ¨सह ने मामला पकड़ लिया। गन्ना विकास समिति का लाइसेंस निलंबित करते हुए खाद की बिक्री पर रोक लगा दी है।

इस कार्रवाई से लखनऊ तक खलबली मची हुई है। फिलहाल गन्ना समिति को 21 जनवरी तक अपना पक्ष रखने को नोटिस जारी किया गया है। संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर लाइसेंस निरस्तीकरण की कार्रवाई तक की जा सकती है।


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