25 साल बाद मिलेगी पालिकाकर्मी की बेवा को पेंशन, चार साल पहले बनी पेंशन नियमावली, अभी फाइलों में अटकी
अमरोहा पालिका से सेवानिवृत्त पति की मौत के 25 साल बाद अब पत्नी को पेंशन मिलेगी। चार साल पूर्व आई पेंशन नियमावली के बाद उसे महज तीन माह ही पेंशन मिली थी। इसके बाद फिर फाइल कागजी खानापूर्ति में अटक गई।
जागरण संवाददाता, अमरोहा : पालिका से सेवानिवृत्त पति की मौत के 25 साल बाद अब पत्नी को पेंशन मिलेगी। चार साल पूर्व आई पेंशन नियमावली के बाद उसे महज तीन माह ही पेंशन मिली थी। इसके बाद फिर फाइल कागजी खानापूर्ति में अटक गई। पालिका प्रशासन के मुताबिक अगले सप्ताह से उसे पेंशन मिलने लगेगी।
यह मामला बड़े दरवार मृतक निवासी हैदर नजर के परिवार का है। हैदर नजर वर्ष 1994 में चुंगी मुंशी के पद से सेवानिवृत्त हुए थे। अगले वर्ष उनकी मौत हो गई थी। इससे परिवार की कमाई का जरिया समाप्त हो गया। मगर उस दौर में पालिका कर्मी के मृतक आश्रित को पेंशन मिलने का प्रावधान नहीं था। इसके चलते उनकी पत्नी मौजूदा खातून आर्थिक तंगी से परेशान रहीं। 16 दिसंबर 2016 को शासन ने नई पेंशन नियमावली लागू कर नगर पालिका के समस्त मृतक आश्रितों को पेंशन देने की व्यवस्था लागू कर दी। इसके बाद मौजूदा खातून की भी पेंशन के लिए उम्मीद जागी। पालिका कर्मियों की हीलाहवाली के चलते वर्ष 2019 में उनको पेंशन मिलनी शुरू हुई। मगर तीन महीने बाद पेंशन क्लर्क द्वारा बिना अधिकृत अफसरों की अनुमति के पेंशन जारी करने का फर्जीवाड़ा सामने आ गया। इसके बाद जांच के नाम पर मौजूदा खातून की पेंशन रोक दी गई। इसके बाद से उन्हें अब तक पेंशन नसीब नहीं हुई है। इस संबंध में अधिशासी अधिकारी मणिभूषण तिवारी ने बताया कि मौजूदा खातून की फाइल जांच को प्रयागराज में पेंशन डायरेक्टर के यहां मंगाई गई थी। कोरोना के चलते उस पर आवश्यक कार्रवाई नहीं हो सकी। पत्राचार के बाद उनकी पेंशन मंजूर होने की पुष्टि हो गई है, अगले सप्ताह से उन्हें पेंशन मिलनी शुरू हो जाएगी। उधर, पेंशन न मिलने से परेशान मौजूदा खातून ने बताया कि उनका बेटा व बहू भी उनसे दूर रहते हैं। कमाई का कोई जरिया नहीं है, अब पेंशन की उम्मीद नहीं बची थी, मगर अफसरों ने अगले सप्ताह से पेंशन देने का भरोसा दिया है।