बुलेट प्रूफ जैकेट के नाम पर पुलिस कर्मियों का सीना खाली
अमरोहा: बुलेट प्रूफ जैकेट के नाम पर जिले के जांबाज पुलिस कर्मियों का सीना खाली है। वह जरुरत के समय क
अमरोहा: बुलेट प्रूफ जैकेट के नाम पर जिले के जांबाज पुलिस कर्मियों का सीना खाली है। वह जरुरत के समय केवल बॉडी प्रोटेक्टर से ही काम चला रहे हैं। जरूरत के हिसाब से जिले की पुलिस के पास यह जैकेट बेहद कम है। जिले में मात्र 105 बुलेट प्रूफ जैकेट हैं। अब इंदरपुर मुठभेड़ में सिपाही खोने के बाद पुलिस हेड क्वार्टर को मांग पत्र भेजे जाने की तैयारी की जा रही है।
रविवार रात को बछरायूं थाना क्षेत्र के गांव इंदरपुर में पुलिस व हिस्ट्रीशीटर शिव औतार के बीच मुठभेड़ हुई। इस मुठभेड़ मे हिस्ट्रीशीटर मौके पर ढेर हो गया तथा सिपाही हर्ष चौधरी शहीद हो गए थे। मुठभेड़ के दौरान केवल हर्ष चौधरी ही नहीं बल्कि कोई भी पुलिस कर्मी बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं पहने हुआ था। इससे पहले भी जिले में हुई तमाम मुठभेड़ के दौरान ऐसा ही मामला सामने आया है।
अधिकांश मुठभेड़ के दौरान पुलिस कर्मियों के पास बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं होती। इस तरफ महकमे के अफसर भी ध्यान नहीं देते। इसके पीछे एक कारण यह भी है कि जिले में पर्याप्त संख्या में बुलेट प्रूफ जैकेट नहीं है।
बता दें कि जिले में 12 थाने हैं। इसके अलावा क्राइम ब्रांच व स्वाट जैसी टीम का भी समय-समय पर बदमाशों से आमना-सामना होता रहता है परंतु जिले में महकमे के पास मात्र 105 बुलेट प्रूफ जैकेट हैं। प्रत्येक थाने को 7-7 जैकेट दी गई हैं। स्वाट व क्राइम ब्रांच के पास भी पांच-पांच जैकेट हैं। इसके अलावा शेष जैकेट पुलिस लाइन में हैं। यह जैकेट पर्याप्त नहीं हैं। जरूरत पड़ने पर पुलिस कर्मियों को केवल बॉडी प्रोटेक्टर पहन कर ही काम चलाना पड़ता है। प्रतिसार निरीक्षक महेश चंद बताते हैं कि जिले में 105 बुलेट प्रूफ जैकेट मौजूद हैं। इनकी मात्रा बढ़नी चाहिए। अब पुलिस हेड क्वार्टर को मांग पत्र भेज कर जैकेट मंगाई जाएंगी।