क्रिकेटर शमी और उनकी पत्नी हसीन के झगड़े में फंसी मासूम बेबो की पढ़ाई
दाखिले के लिए जरूरी धनराशि मांगने के लिए उन्होंने शमी के ही क्रिकेट जगत में गुरु रहे सुमन चक्रवर्ती को चुना। लेकिन शमी ने फूटी कौड़ी तक देने से इन्कार कर दिया।
अमरोहा (जेएनएन)। अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर मुहम्मद शमी और उनकी पत्नी हसीन जहां के बीच मासूम बेटी बेबो पिस रही है। हसीन ने अपना दूत भेजकर स्कूल में बेटी के दाखिले के लिए दो लाख रुपये मांगे हैं। वहीं शमी को हसीन की यह हरकत नागवार गुजरी और उन्होंने रुपये देने से इन्कार कर दिया। इसके चलते अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर पिता और मॉडल मां की बेटी का स्कूल में दाखिला तक नहीं हो सका है।
हसीन ने दैनिक जागरण को फोन पर बताया कि वह अपनी तीन साल की बेटी बेबो का दाखिला कोलकाता के एक स्कूल में कराना चाहती हैं। हाल ही में वह स्कूल गईं थी, जहां दाखिले के लिए दो लाख रुपये की आवश्यकता है। दाखिले के लिए जरूरी धनराशि मांगने के लिए उन्होंने शमी के ही क्रिकेट जगत में गुरु रहे सुमन चक्रवर्ती को चुना। लेकिन शमी ने फूटी कौड़ी तक देने से इन्कार कर दिया।
उधर, क्रिकेटर शमी का कहना है कि बेबो उनकी बेटी है, जिसके लिए वह रुपये क्या अपनी जान तक दे सकते हैं। बेटी के दाखिले के लिए उनसे सीधी बात करने के बजाय किसी तीसरे को क्यों भेजा जा रहा है। बेटी का भविष्य तय करने और उससे बात करने का उन्हें अधिकार है। इसके बावजूद मिलना तो दूर उन्हें बेबो से फोन पर भी बात नहीं करने दी जा रही है। नौकरानी ने एक दिन बता करा दी तो उसे नौकरी से ही निकाल दिया।
मार्च में शुरू हुआ था विवाद
मार्च में क्रिकेटर शमी व उनकी पत्नी के बीच मनमुटाव बढ़ गया था। इसके बाद हसीन ने शमी समेत उनके परिजनों के खिलाफ गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया, जिसकी कोलकाता में विवेचना चल रही है। उसी समय से दोनों अलग-अलग रहते हैं।
कोर्ट से निर्धारित प्रतिमाह 80 हजार भी नहीं दिए : शमी से विवाद के बाद पत्नी हसीन जहां ने कोलकाता कोर्ट में याचिका दाखिल कर अपने व बेटी के खर्च के लिए शमी से प्रतिमाह दस लाख रुपये गुजारा भत्ता मांगा था। कोर्ट ने बेबो के लालन-पालन के लिए शमी को प्रतिमाह 80 हजार रुपये देने के आदेश दिए थे। हसीन का कहना है कि दूर शमी ने कोर्ट से निर्धारित धनराशि तक नहीं दी है। वहीं शमी कहते हैं कि समय आने पर वह रुपये जमा कर देंगे।