खड़े होकर करना होगा 'माननीय' का सम्मान
अमरोहा : योगी सरकार बनने के बाद कुछ अफसरों के निरंकुश होने की शिकायतें बढ़ गई ह
अमरोहा : योगी सरकार बनने के बाद कुछ अफसरों के निरंकुश होने की शिकायतें बढ़ गई हैं। सत्ता पक्ष व विपक्ष के कई जनप्रतिनिधियों ने मुख्यमंत्री के सामने अपना दर्द व्यक्त किया। इस पर मुख्यमंत्री के तेवर तल्ख हो गए हैं। उन्होंने कहा है कि जनप्रतिनिधि के किसी कार्यालय में पहुंचने पर अफसर को खड़े होकर उसका अभिवादन करना होगा। लौटते वक्त भी खड़े होकर ससम्मान उसे विदा करना होगा। इन निर्देशों की अवहेलना पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
सपा सरकार में जहां विधायक व सांसदों के साथ ही पार्टी के अदना पदाधिकारियों की भी तूती बोलती थी वहीं भाजपा सरकार में कई अफसर मंत्रियों तक को भाव नहीं दे रहे हैं। छोटी सी सिफारिश के लिए भी मंत्री को कई-कई बार सिफारिश करनी पड़ रही है। इससे विधायकों व सांसदों से लेकर पार्टी पदाधिकारियों की जनता के बीच किरकिरी हो रही है। जनप्रतिनिधियों में ऐसे अफसरों के प्रति नाराजगी भी बढ़ती जा रही है। अपनी उपेक्षा से आहत कई विधायक, सांसद व मंत्रियों ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से शिकायत की। कुछ अफसरों की इस तरह की उद्दंडता को मुख्यमंत्री ने गंभीरता से लिया है।
उन्होंने मुख्य सचिव राजीव कुमार को निर्देश दिए कि सभी पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को इस बात के लिए आगाह कर दिया जाए कि उनके कार्यालय में जनप्रतिनिधि के पहुंचने पर संबंधित अफसर कुर्सी से खड़ा होकर उनका अभिवादन करेगा। वहीं वापस लौटते वक्त भी अफसर कुर्सी से खड़े होकर विदा करेगा। इस पर मुख्य सचिव ने 20 अक्टूबर को प्रदेश भर के पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को कड़ा पत्र जारी करते हुए कहा है कि जनप्रतिनिधि के साथ उपेक्षात्मक व्यवहार की शिकायत मिलने पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की जाएगी। कार्यालय में जनप्रतिनिधि का सम्मान करने के साथ ही उनके सभी पत्रों का जवाब दें। जनप्रतिनिधि के कॉल करने पर फोन रिसीव करें। व्यस्तता की दशा में कॉल बैक करें। जनप्रतिनिधि अगर किसी ऐसे काम की सिफारिश करता है जिसे करना संभव नहीं है, तो नम्रता के साथ कारण बताते हुए काम करने से इन्कार कर दें।
सरकारी कार्यक्रमों में चीफ गेस्ट बनने पर लगाई रोक
अमरोहा : मुख्य सचिव की ओर से जारी किए गए पत्र में पुलिस व प्रशासनिक अफसरों को यह भी निर्देश दिए गए हैं कि सरकारी फंड से आयोजित किसी कार्यक्रम मे वह चीफ गेस्ट न बनें। इस निर्देश का आशय भी जनप्रतिनिधि के सम्मान से जोड़कर निकाला जा रहा है। ऐसे कार्यक्रमों में अफसरों के चीफ गेस्ट बनने से जनप्रतिनिधि अपने आपको उपेक्षित महसूस करते हैं।
कद्दावर नेता की भी हो चुकी है किरकिरी
अमरोहा : सिफारिश के नाम पर जिले से संबंधित सत्ताधारी पार्टी के एक कद्दावर नेता की किरकिरी हो चुकी है। जिले में पूर्व में तैनात एक उच्चाधिकारी को कई-कई बार फोन करने के बावजूद उनका काम नहीं होता था। इससे आम लोगों के बीच उनका उपहास होने लगा था। इसके चलते काम पड़ने पर वह संबंधित विभाग के छोटे अफसर को फोन करने लगे थे।