शहीदों को याद कर अजादारों ने बहाया खून
नौगावां सादात: कर्बला के शहीदों की याद में सात मुहर्रम को अजादारों ने छुरियों का मातम कर खुद को लहूल
नौगावां सादात: कर्बला के शहीदों की याद में सात मुहर्रम को अजादारों ने छुरियों का मातम कर खुद को लहूलुहान कर लिया। नोहा व मर्सिया ख्वानी के दौरान या हुसैन की सदा के बीच जब अजादार अपने जिस्म पर छुरियों से मातम बरपा कर रहे थे जुलूस में शामिल हर शख्स की आंख नम थी। दिनभर कस्बे की फिजा या हुसैन की सदा से गूंजती रही।
शहरे अजा नौगावां सादात की कदीमी अंजुमन यादगारे हुसैनी की ओर से सात मुहर्रम का मातमी जुलूस मुहल्ला बड़ी इमली मजहर-ए-कर्बला से बरामद हुआ। यहां तकरीर करते हुए एजाज हैदर ने कहा कि मुहर्रम के जुलूस आतंकवाद के खिलाफ प्रदर्शन हैं। कर्बला में इमाम हुसैन ने इंसानी व समाजी रिश्तों की हिफाजत की है। सारी दुनिया को अ¨हसा, शांति, न्याय का पैगाम दिया है।
जुलूस में परंपरा अनुसार पहले मर्सिया ख्वां मोहर्रम अली वह उनके साथी जुलजना के साथ मर्सिया पढ़ते हुए चल रहे थे। शमीम हैदर व मरगूब हैदर ने रुबाइयां पढ़ीं तो सबकी आंखों में आंसू आ गए। सफेद कपड़े पहने अजादार अपने कंधों पर ताबूत, झूला अली असगर व जरी बुलंद किए हुए चल रहे थे। अपने निर्धारित मार्गों से जुलूस निकाला गया। बड़ी इमली पर अयाज अब्बास, मुर्सल अब्बास, इमरान हैदर, हिलाल मेहदी, कुमेल अब्बास व अकील अब्बास ने नोहा पढ़ा।
मुहल्ला शाहफरीद पर शोएब रजा व तकी अब्बास ने नोहा पढ़ा। मुहल्ला बाजार में अजादरों ने जंजीर से मातम कर खुद को लहूलुहान कर लिया। शजर अब्बास, मुबाशिर हुसैन, अली अंसर, जावेद अब्बास, शिराज आब्दी, मोहम्मद हैदर, विकार हैदर, नईम हैदर, यादगार रजा, मुनाफ हसन, अबुल हसन, ताबिश परवेज, डॉ. मसूद, डॉ. महमूद मौजूद रहे।
जुलूस के बाद कस्बा में मजलिसों का सिलसिला शुरू हुआ। इमाम बारगाह हाजी रजी हसन में मौलाना इब्ने अली बैंगलोरी ने मजलिस को खिताब किया। इमाम बारगाह अबूतालिब में मौलाना नजिबुल हसन •ौदी मुंबई ने मजलिस को खिताब किया। इमाम बारगाह •ौदीयान में मौलाना रूहुल्लाह आब्दी ने मजलिस को खिताब किया। इमाम बारगाह सय्यद नूर में मौलाना मोहम्मद अब्बास ने मजलिस को खिताब किया।