पिता के दफीने में नहीं पहुंच पाए सईद-रईस
जागरण संवाददाता अमरोहा आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोपित सगे भाई सईद व रईस अपने पिता का चेहरा अंतिम बार नहीं देख सके। देर रात तक जेल से उनके घर पहुंचने के कारण परिजनों ने दस बजे पिता को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया है। चूंकि दोनों भाई देर रात तक दिल्ली से घर के लिए रवाना नहीं हो सके थे।
अमरोहा: आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोपित सगे भाई सईद व रईस अपने पिता का चेहरा अंतिम बार नहीं देख सके। देर रात तक जेल से घर नहीं पहुंचने के कारण परिजनों ने दस बजे पिता को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया है। दोनों भाई देर रात तक दिल्ली से घर के लिए रवाना नहीं हो सके थे।
काबिलेगौर है कि दिसंबर 2018 में एनआइए व एटीएस ने नौगावां सादात के गांव सैदपुर इम्मा में छापा मार कर सगे भाई सईद व रईस को आतंकी गतिविधियों में संलिप्त रहने के आरोप में गिरफ्तार किया था। दोनों भाई दिल्ली की जेल में बंद हैं। शनिवार रात हार्टअटैक के कारण उनके पिता हबीब अहमद का निधन हो गया। लिहाजा परिजनों व ग्रामीणों ने उनके अधिवक्ता के माध्यम से पटियाला हाउस कोर्ट में पेरोल की अर्जी लगाई ताकि दोनों भाई पिता के दफीने में शामिल हो सकें। अदालत ने दोनों भाइयों को दफीने में शिरकत करने की अनुमति दे दी।
ग्राम प्रधान अली हसन इस मामले को लेकर दिल्ली गए थे। अदालत से अनुमति मिलने के बाद उम्मीद थी कि रविवार देर शाम तक दोनों भाई पिता के दफीने में शामिल हो जाएंगे। औपचारिकताएं पूरी न होने के कारण उन्हें जेल से रिहाई नहीं मिल सकी। इंतजार करने के बाद रविवार देर रात दस बजे हबीब अहमद को सुपुर्द- ए- खाक कर दिया गया। यानि दोनों भाई पिता के दफीने में शामिल नहीं हो सके। नौगावां सादात प्रभारी निरीक्षक अजय कुमार ने बताया कि दिल्ली पुलिस से बात की थी। दस बजे वह दोनों भाइयों को लेकर निकले थे। रात में किसी समय नौगावां पहुंचने की उम्मीद है। यहां हबीब अहमद को सुपुर्द-ए-खाक कर दिया गया है।