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रेलवे की बदली सूरत, स्टापेज संग मिली नई ट्रेन

अमरोहा : चार साल में मोदी सरकार ने रेलवे में अभूतपूर्व परिवर्तन किए। अमरोहा को आदर्श रेल

By JagranEdited By: Published: Tue, 29 May 2018 11:15 PM (IST)Updated: Tue, 29 May 2018 11:15 PM (IST)
रेलवे की बदली सूरत, स्टापेज संग मिली नई ट्रेन
रेलवे की बदली सूरत, स्टापेज संग मिली नई ट्रेन

अमरोहा : चार साल में मोदी सरकार ने रेलवे में अभूतपूर्व परिवर्तन किए। अमरोहा को आदर्श रेलवे स्टेशन का तमगा देने के साथ ही दो नई ट्रेनों का ठहराव भी हुआ। यही नहीं स्वच्छता के मामले में भी काफी परिवर्तन हुआ। ट्रैकों की मरम्मत के साथ ही 15 किलोमीटर ट्रैक भी बदले गए हैं। साथ ही अभी गढ़ से लेकर हकीमपुर तक ट्रैक बदलना प्रस्तावित है। यही नहीं मोदी काल कर्मचारियों के लिए हितकारी रहा है। कर्मचारियों में जहां कार्य करने की प्रवृत्ति में इजाफा हुआ वहीं भत्ते भी बढ़े हैं।

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2014 में केंद्र में मोदी सरकार का गठन हुआ। प्रधानमंत्री का पद संभालने के बाद से नरेंद्र मोदी ने देश की बागडोर अपने हाथ में संभाली और लगातार परिवर्तन करते चले गए। चार में देश में दो रेल मंत्री बने पहले सुरेश प्रभु और दूसरे वर्तमान समय पियूष गोयल है। मोदी सरकार ने इन चार सालों में रेलवे को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है। नए-नए प्रयोग कर जहां हादसे रोकने का कार्य किया वहीं वर्तमान समय रेलवे ऐसे डिवाइस का प्रयोग कर रही है, जो इंजन में लगने के बाद खुद ही बता देगी कि ट्रैक क्रेक है। और इमरजेंसी ब्रेक लग जाएगा। अमरोहा रेलवे स्टेशन को आदर्श रेलवे स्टेशन घोषित किया गया। यात्री शेड, प्लेटफार्म संख्या एक का नवीनीकरण, शौचालय, परिसर और रेलवे स्टेशन का मरम्मत कार्य भी कराया गया। यही नहीं ब्रजघाट से लेकर गजरौला तक लगभग 15 किलोमीटर डाउन लाइन का ट्रैक भी बदला गया। सबसे ज्यादा परिवर्तन सफाई में आया है। प्लेटफार्म ही नहीं ट्रैक की सफाई के भी बेहतर इंतजाम किए गए है। साफ-सफाई के लिए प्रतिमाह अमरोहा को करीब 30 हजार रुपये मिलते है। यह धनराशि सिर्फ साफ-सफाई पर की खर्च करनी होती है। इसके लिए प्राइवेट आदमी भी रख कर सफाई कराई जा सकती है। यही नहीं सुरक्षा के लिहाज से भी ट्रेन और प्लेटफार्म पर जवानों का गश्त बढ़ा है। इसके साथ ही अमरोहा रेलवे स्टेशन पर पदमावत एक्सप्रेस और मुरादाबाद से आनंद बिहार को जाने वाली मेमो का ठहराव हुआ है। जो यात्री के लिए काफी सुविधाजनक है। कर्मचारियों की माने तो सरकार ने अधिकारियों और कर्मचारियों पर कार्य को लेकर शिकंजा कसा है। काफी हद तकयह ठीक रहा, इससे जो कर्मचारी अधिकारी कार्य में लापरवाही करते थे उनमें कार्य करने की प्रवत्ति बढ़ी है। साथ ही सरकार ने कर्मचारियों का भत्ता आदि बढ़ाकर उन्हें प्रोत्साहित करने का भी कार्य किया है। काफी हद तक सरकार कर्मचारियों का सपोर्ट किया है।


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