कुरान शरीफ में मौजूद है हर परेशानी का हल: मुफ्ती अब्दुल रज्जाक
अमरोहा जश्ने ईद मिलादुन्नबी के शीर्षक से मुस्लिम कमेटी के तत्वावधान में गुरुवार रात मुहल्ला दरबारे कला में जलसा हुआ।
अमरोहा: जश्ने ईद मिलादुन्नबी के शीर्षक से मुस्लिम कमेटी के तत्वावधान में गुरुवार रात मुहल्ला दरबारे कलां की मस्जिद बसरी बेगम में जलसे का आयोजन किया गया। इसकी सदारत इमाम मस्जिद जनाब काजी इरशाद अहमद तथा निजामत हाजी खुर्शीद अनवर ने की। हाफिज शमीम अमरोहवी ने तिलावते कलामे पाक से जलसे का आगाज किया।
जलसे में बोलते हुए दारुल उलूम देवबंद के उस्ताद-ए-हदीस मुफ्ती अब्दुल रज्जाक कासमी ने तंग रास्तों से तकरीर की शुरुआत की। कहा रसूले खुदा ने आज से 1400 साल पहले इरशाद फरमाया कि नई कालोनियां आबाद करो, उनके रास्ते कुशादा रखो, उस वक्त की पैमाईश के हिसाब से रास्ता इतना चौड़ा होना चाहिए कि सामान लदे दो ऊंट आमने सामने से गुजर सके। कालोनियों में रास्ते कुशादा (चौड़े) रखना नबी-ए-करीम की सुन्नत है।
हजरत ने दुष्कर्म की घटनाओं पर बयान आगे बढ़ाया। कहा इस्लामी कानून पर अमल करें तो दुष्कर्म की घटनाओं पर रोक लग जाएगी। दौरे नबी में दुष्कर्म के मामलों का जिक्र करते हुए बताया आपने दुष्कर्म करने वाले को संगसार (पत्थरों से मारने) करने का हुक्म दिया। अरब में इसके बाद कोई भी दुष्कर्म की घटना नही हुई। आज के दौर में मेडिकल साइंस पर जो रिसर्च हो रही है वो इस्लाम, क़ुरान व हदीस के बताए गए इल्म के मुताबिक हो रही है। इससे पूर्व सैयद नाशिर नकवी, मौलाना साद अमरोहवी, हाफिज शमीम अहमद, •ाुबैर इब्ने सैफी व मिर्जा अनस ने नात के नजराने पेश किए।
जलसे के बाद हजरत ने कोविड-19 कोरोना वायरस के खात्मे के लिए खास तौर पर दुआ करवाई व इसी के साथ मुल्क में अमन व शांति के लिए भी दुआ करवाई। कार्यक्रम स्थल के बाहर कोविड-19 की एडवाइजरी का पालन किया गया। मास्क, सैनिटाइजर व थर्मल स्क्रीनिग की व्यवस्था की गई थी। इस मौके पर कमेटी के अध्यक्ष हाजी नसीम खान, सरताज आलम मंसूरी, मंसूर अहमद, हाजी अब्दुल कय्यूम रायनी, हबीब अहमद, कमर नकवी, इकराम •ौदी, शमीम उद्दीन, हाफि•ा अख्तर अली, मसरूर अहमद, महताब अमरोहवी, फहीम नबी, नदीम अहमद, यामीन खां, दिलशाद अहमद, जफर अंसारी मौजूद रहे।