पोर्टल की शिकायतों का कागजों में हो रहा निस्तारण
नगर पालिका में जनसमस्याओं से लेकर संपत्ति व पेयजल लाइनों तक की सैकड़ों शिकायतें रोजाना पोर्टल पर की जा रही हैं। हर माह इनका आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, इसके बावजूद समस्याओं का समुचित निराकरण नहीं हो पा रहा है। पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों को कागजी खानापूरी कर निबटा दिया जाता है।
गजरौला : यूं तो गजरौला नगर पालिका परिषद पोर्टल की शिकायतों के निस्तारण में नंबर वन होने का दावा कर रही है लेकिन कई मामलों में देखा जाता है कि निस्तारण से शिकायत कर्ता संतुष्ट नहीं हो पाते। उनकी समस्या बनी की बनी रह जाती है। हर माह इनका आंकड़ा बढ़ता जा रहा है, इसके बावजूद समस्याओं का समुचित निराकरण नहीं हो पा रहा है। पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों को कागजी खानापूरी कर निबटा दिया जाता है। हालांकि यह अलग बात है कि पोर्टल पर शिकायतकर्ता का फोन नंबर मौजूद होने पर संबंधित विभाग व अधिकारी समस्या का निराकरण जल्द करा देने का आश्वासन देकर समस्या निदान में अंकित कर देते रहे हैं। विकास, भ्रष्टाचार, गंदगी, सफाई, पेयजल व पथ प्रकाश के मामलों में औपचारिकता पूरी की जाती है, जबकि हाउस व वाटर टैक्स संपत्ति नामांतरण, सड़क व नाले-नाली का निर्माण जलभराव आदि की समस्याओं को लटकाए रखा जाता रहा है। जनसुनवाई पोर्टल मामले में भी खानापूर्ति की जा रही है। वहीं आइजीआरएस (जन सुनवाई पोर्टल) के मामलों की जांच में अधिकारी सभी नियमों को ताख पर रख देते हैं। मनमर्जी की रिपोर्ट लगा कर टाल दिया जाता है। ऐसे कई मामले समय-समय पर आते रहते हैं। हसनपुर तहसील क्षेत्र के गांव मटीपुरा निवासी किसान वेद प्रकाश आर्य का कहना है कि करीब छह वर्ष से अटके गन्ना भुगतान से संबंधित मामले की शिकायत जन सुनवाई पोर्टल पर कई बार की जा चुकी है। लेकिन हर बार सिर्फ कागजों में उसका निस्तारण दिखा दिया जाता है।
वर्जन
पोर्टल पर प्राप्त शिकायतों का निस्तारण तो प्राथमिकता के आधार पर कराया ही जाता रहा है। अब तक नगरपालिका से संबंधित लगभग शतप्रतिशत शिकायतों का जमीनी स्तर पर निस्तारण कराया जा चुका है। समस्या पैदा ही न होने पाए, इस दिशा में कदम उठाए जा रहे हैं। समस्याओं का जल्द समाधान हो ऐसे प्रयास किए जा रहे हैं।
विजेंद्र ¨सह पाल, ईओ नगर पालिका परिषद गजरौला।