प्रदूषण फिर बढ़ा, नियंत्रण को सड़कों की धुलाई शुरू
गजरौला देश व प्रदेश के प्रदूषित शहरों में शुमार औद्योगिक नगरी गजरौला की आवोहवा एक बार फिर बिगड़ गई है।
गजरौला : देश व प्रदेश के प्रदूषित शहरों में शुमार औद्योगिक नगरी गजरौला की आवोहवा एक बार फिर जहरीली हो गई है। यहां का एयर इंडेक्स 350 को पार करने लगा है। एनजीटी के चिता जताने पर हरकत में आए प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी जेपी मौर्य ने नगर पालिका समेत सभी विभागों को आवश्यकत कदम उठाने को कहा है। इसके बाद नगर पालिका परिषद ने रात्रि में टैंकरों से पानी का छिड़काव कराकर सड़कों की धुलाई कराने का अभियान चालू कराया है।
पिछले तीन दिन से पालिका के कर्मचारी इस अभियान में जुटे हैं। नियमित रूप से पालिका के पानी से भरे टैंकर लेकर कर्मचारी रात में सड़कों पर निकल जाते हैं। थाना चौराहे से चौपला, खादगूजर चौराहा, हाईवे इत्यादि स्थानों पर पानी का छिडकाव कर सड़क की धुलाई करते हैं ताकि सुबह में वाहनों की आवाजाही होने पर सड़कों पर धुल के कण उन्हीें उड़े। बता दें कि औद्योगिक नगरी गजरौला का नाम कई बार देश व प्रदेश के सबसे प्रदूषित शहरों में उछल चुका है। यहां की लगातार बिगड़ी आवोहवा के कारण एयर इंडेक्स 350 के पार कई बार पाया जा चुका है। किसी भी शहर का एयर इंडेक्स 350 के पार जाना लोगों के स्वास्थ्य के लिए चिता पैदा करने जैसा है।
इसको देखते हुए ही गजरौला में नान कंटेनमेंट योजना चालू कराई गई है। एनजीटी के आदेश पर सभी विभागों ने प्रदूषण फैलने के कारकों पर काम करने का प्लान बनाया है। इसी के तहत गजरौला में रात्रि सड़कों की धुलाई की अभियान चालू कराया गया है। प्रदूषण पर नियंत्रण को शहर में रात्रि में सड़कों की धुलाई कराने का अभियान शुरू कराया गया है। चूंकि शहर का एयर इंडेक्स 350 तक पहुंच जाता है। प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा सड़कों पर वाहनों की आवाजाही व तेज हवा चलने से उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए छिड़काव को कहा गया था, इसलिए पालिका द्वारा नियमित रूप से सड़कों की धुलाई रात में कराई जा रही है। इससे दिन में वाहनों की आवाजाही बढ़ने पर धूल कम उड़ेगी। इस कार्य में औद्योगिक इकाइयों व ट्रकों के ठहराव वाले ढाबों को सहयोग बतौर लगाया जा रहा है।
विजेंद्र सिंह पाल, ईओ नगर पालिका परिषद औद्योगिक इकाइयों से फैलने वाले प्रदूषण पर भी लगे रोक
गजरौला : समाजसेवी तेजवीर सिंह अलूना ने कहा कि औद्योगिक इकाईयों से फैलने वाले प्रदूषण भी रोक लगानी चाहिए। इन इकाईयों के आसपास खड़ा नहीं हुआ है। बदबू आती हैं। रात में भी जब तक प्रदूषित गैस महसूस होती है, जिससे कई बार सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है। इस पर रोक लगनी चाहिए।