पुलिस की मिलीभगत से हो रही थी ठगी
अमरोहा: रकम दोगुनी करने का झांसा देकर ठगने वाले गिरोह के रजबपुर थाने की पुलिस से अच्छे संबंध थे। आरोप है कि मुख्य आरोपित अमित पुलिस की जानकारी में ही ठगी का जाल बिछाता है। शिकार हाथ लगने के बाद हाथ आई रकम का बंटवारा भी आधा-आधा कर लिया जाता था। इस मामले में जांच के बाद एसओ के साथ ही कई अन्य पुलिसकर्मियों पर बड़ी गाज गिरने की चर्चा तेज हो गई है।
अमरोहा: रकम दोगुनी करने का झांसा देकर ठगने वाले गिरोह के रजबपुर थाने की पुलिस से अच्छे संबंध थे। आरोप है कि मुख्य आरोपित अमित पुलिस की जानकारी में ही ठगी का जाल बिछाता था। शिकार हाथ लगने के बाद हाथ आई रकम का बंटवारा भी आधा-आधा कर लिया जाता था। इस मामले में जांच के बाद एसओ के साथ ही कई अन्य पुलिसकर्मियों पर बड़ी गाज गिरने की चर्चा तेज है।
सूत्रों की मानें तो एसओ रजबपुर धर्मेंद्र ¨सह से गिरोह के मुखिया अमित से काफी बेहतर संबंध थे। अमित काफी अरसे से क्षेत्र के लोगों को चूना लगा रहा था। इस बार भी मोटा शिकार कर लिया था मगर इसकी भनक किसी तरह एसपी विपिन ताडा को लग गई थी। जिस समय ठगों के गिरोह व पीड़ितों के साथ रजबपुर थाने में लेनदेन का मामला चल रहा था उसी समय एसपी के आदेश पर सीओ धनौरा मोनिका यादव रजबपुर थाने पहुंच गईं। इसके बाद रात में थाने पहुंचकर एसपी ने भी आरोपितों व पीड़ितों से गहराई से पूछताछ की। धीरे-धीरे ठगों के पूरे नेटवर्क का पर्दाफाश हो गया। इसमें थाना प्रभारी धर्मेंद्र ¨सह की संलिप्तता भी उजागर हो गई। इसके बाद पुलिस अधीक्षक ने उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित करते हुए मामले की जांच सीओ क्राइम कुलदीप कुकरेती को सौंप दी है।
माना जा रहा है कि इस मामले में जांच के बाद जहां कई अन्य पुलिसकर्मियों पर भी गाज गिरेगी वहीं थाना प्रभारी रहे धर्मेंद्र ¨सह के खिलाफ बड़ी कार्रवाई हो सकती है।
यह था मामला
अमरोहा : शुक्रवार शाम प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र ¨सह ने हाइवे पर टोल प्लाजा के पास कार में चार लोगों को गिरफ्तार करते हुए दावा किया था कि आरोपित लोगों को रकम दोगुनी करने का झांसा देकर उनसे पैसे ठगने का काम करते हैं। पूछताछ के दौरान चारों ने अपने नाम फैजान निवासी छजलैट, विजेंद्र निवासी खाईखेडा, कुलवीर व विपिन निवासी ठाकुरद्वारा बताए थे। शनिवार को प्रभारी निरीक्षक ने बताया था कि पकड़े गए फैजान ने विजेंद्र से दो लाख रुपये, कुलवीर से चार लाख 30 हजार व विपिन से पांच लाख रुपये लिए थे। कहा था कि एक बैंक मैनेजर के खाते में पैसे हैं। जो उन्होंने नोटबंदी के दौरान एकत्र किए थे। अब मैनेजर उन पैसों को दूसरे लोगों के खाते में भेजना चाहते हैं। इसके लिए पहले एडवांस जमा कर खाते में पैसे भेजेंगे। जमा रकम को दोगुना कर दिया जाएगा। पीड़ितों से वह 11 लाख 30 हजार रुपये ले चुका था। पुलिस ने फैजान की निशानदेही पर साढ़े ग्यारह लाख रुपये बरामद कर लिए थे। परंतु रजबपुर प्रभारी निरीक्षक धर्मेंद्र ¨सह ने मुख्य आरोपित अमित व अन्य को छोड़ दिया था। जबकि फैजान व अमित से लगभग 25 लाख रुपए बरामद हुए थे।