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पौधा लगाइए, जमानत मिल जाएगी

यह कहने और सुनने में तो अजीब लगता है लेकिन बिल्कुल सच है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 03 Oct 2019 11:35 PM (IST)Updated: Sat, 05 Oct 2019 08:12 AM (IST)
पौधा लगाइए, जमानत मिल जाएगी
पौधा लगाइए, जमानत मिल जाएगी

योगेंद्र योगी, अमरोहा। यह कहने और सुनने में तो अजीब लगता है लेकिन, बिल्कुल सच है। एक उप जिलाधिकारी ऐसे हैं जो शाति भंग की धाराओं में आने वाले अभियुक्तों को सिर्फ पाच पौधे रोपित करने पर जमानत दे देते हैं। इसके अलावा जमानत लेने वाले दो जमानतियों को भी स्वयं के खर्च से एक-एक पौधा लगाना पड़ता है। यानी बिना सरकारी खर्च से एसडीएम मागेराम चौहान पर्यावरण की सुरक्षा करने में लगे हैं। इसी मुहिम के माध्यम से वह अब तक अमरोहा के नौगावा तहसील क्षेत्र में करीब 6000 पौधे लगवा चुके हैं। अब वह धनौरा तहसील में आ गए हैं। यहां भी वही प्रक्रिया शुरू कर दी है।

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2017-18 बैच के पीसीएस अधिकारी मांगेराम चौहान को चार फरवरी 2019 को नौगावां सादात तहसील में एसडीएम के रूप में तैनाती मिली। शुरू से ही ग्लोबल वार्मिग को लेकर सजग उपजिलाधिकारी ने एक न्यूज चैनल पर पालम हवाई अड्डे का पारा 50 डिग्री तक पहुंचने का समाचार देखा तो विचलित हो गए। उन्होंने मन में वृहद स्तर पर पौधारोपण का संकल्प लिया, बस उन्हें तलाश थी सही रास्ते की। 10 जून-2019 को शांति भंग की धारा में पाबंद लोगों को लेकर नौगावां पुलिस पहुंची। तभी एसडीएम को अपना संकल्प साकार करने की युक्ति सूझी। उन्होंने आदेश दिया कि शांतिभंग के आरोपित को पांच पौधे और उनके दो जमानतदारों को एक-एक पौधा अपने खर्च पर लगाने पर जमानत दे दी जाएगी। 24 सितंबर-2019 तक वह नौगावां तहसील में एसडीएम के पद पर रहे। इस दौरान शांतिभंग के 650 से अधिक लोगों को इसी शर्त पर जमानत भी दी। इस तरह वहां करीब 6000 हजार पौधे लगवाए। अब यही मुहिम उन्होंने अपनी नई तैनाती वाली तहसील मंडी धनौरा में भी शुरू की है।

रिकार्ड रखने को बनवाया रजिस्टर : एसडीएम मांगेराम चौहान ने पेड़ पौधों का रिकार्ड रखने को अपने कार्यालय में एक रजिस्टर भी बनवाया है। इसमें स्वयं के खर्च पर पौधों को लगाने वाले का नाम, पिता का नाम, गांव का नाम, उनका मोबाइल नंबर समेत पूरा ब्योरा रहता है। कार्यालय में एसी का नहीं करते हैं प्रयोग : पर्यावरण सुधार की इस पहल के प्रचार-प्रसार के लिए तहसील की दीवारों पर पौधारोपण एवं जल संरक्षण हेतु स्लोगन एवं चित्र बनवाए गए हैं। पर्यावरण संरक्षण के हिमायती एसडीएम ने कार्यालय में एसी का प्रयोग नहीं करते। कहते हैं कि पौधों को लगाना ईश्वर की पूजा के समान है।


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