Move to Jagran APP

नोटिस फर्जीवाड़ा मामले की उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश

अमरोहा फर्जी नोटिस मामले की जांच पूरी होने के बाद अधीक्षण अभियंता रजत जुनेजा ने उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश की है।

By JagranEdited By: Published: Fri, 04 Sep 2020 11:35 PM (IST)Updated: Fri, 04 Sep 2020 11:35 PM (IST)
नोटिस फर्जीवाड़ा मामले की उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश
नोटिस फर्जीवाड़ा मामले की उच्चस्तरीय जांच की सिफारिश

अमरोहा : फर्जी नोटिस मामले की जांच पूरी होने के बाद अधीक्षण अभियंता रजत जुनेजा ने अगली कार्रवाई के लिए रिपोर्ट चीफ इंजीनियर मुरादाबाद के पास भेज दी है। जांच में चौंकाने वाली बात सामने आई है। इसमें उपभोक्ताओं को दो नोटिस जारी किए गए थे। एक 50 व 52 हजार रुपये का था। जिसका विभागीय अभिलेखों में कोई रिकार्ड नहीं है। दूसरा नोटिस 10 हजार रुपये का था। इसे डिस्पैच रजिस्टर में दर्ज किया गया है। अलग-अलग जारी किए गए नोटिसों को लेकर ही जांच अधिकारियों ने गड़बड़ी की आशंका जताई है और उच्च स्तरीय जांच के लिए कहा है। यह था पूरा मामला

loksabha election banner

दैनिक जागरण ने आरटीआइ के जरिए बिजली विभाग में फर्जी नोटिसों के खेल का पर्दाफाश किया था। इसमें नौगावां सादात थाना क्षेत्र के गांव नंगला पतवारी के रहने वाले उदयवीर सिंह, राजेंद्र सिंह, आकिल अली व शेर अली को फर्जी नोटिस जारी किए गए थे और अवैध वसूली की गई थी। इस मसले के सुर्खियों में आते ही एसई ने एक्सईएन पीपी सिंह व उत्तम चंद्र को जांच कर रिपोर्ट उपलब्ध कराने के निर्देश दिए थे। जांच अधिकारियों ने गांव में पड़ताल की और अपने अभिलेखों में दर्ज नोटिसों पर गौर फरमाई तो चौंकाने वाला रहस्य सामने आ गया। पता चला कि तत्कालीन एक्सईएन अमित सक्सेना ने उदयवीर व राजेंद्र पर 50 हजार 368 व 52 हजार 609 रुपये का जुर्माना लगाया था। इसके बाद उनको दूसरा नोटिस 7 हजार 314 व 9 हजार 78 रुपये के जुर्माने का जारी कर दिया था।

जांच में अफसरों ने यह पाया

दोनों नोटिसों की अफसरों ने जांच की तो पहले का रिकार्ड विभागीय अभिलेखों में नहीं मिला जबकि दूसरा नोटिस डिस्पैच रजिस्टर में अंकित पाया गया। दोनों नोटिसों पर एक्सइएन के हस्ताक्षर हैं। इसके अलावा दो अन्य कर्मचारियों के भी साइन हैं। इसी में जांच अधिकारियों ने गड़बड़ी का शक जताया है और प्रकरण की उच्च स्तरीय जांच की सिफारिश की है। इतना ही नहीं एक अन्य व्यक्ति का भी जिक्र जांच रिपोर्ट के अंदर किया गया है। यह शख्स उस समय एक्सइएन के बेहद करीब बताया जाता था।

मामला एक एक्सइएन के कार्यकाल से जुड़ा है और उसकी यहां तैनाती नहीं है। इसलिए मुख्य अभियंता को रिपोर्ट भेजकर उच्च स्तरीय जांच की मांग की गई है ताकि और सच्चाई उजागर हो सके। जिलाधिकारी को भी मामले से अवगत करा दिया गया है। अभी तक इस मसले में कोई दिशा- निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।

रजत जुनेजा, अधीक्षण अभियंता, विद्युत।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.