शौचालयों में भरे उपले, बांध रहे पशु
जनपद को ओडीएफ घोषित कर दिया गया है। फिर शौचालयों को उपयोग नहीं किया जा रहा है।
अमरोहा । भले ही अफसर जनपद को ओडीएफ मुक्त कराने की दावेदारी कर रहा है, लेकिन यह कड़वा सच है कि अभी भी ग्रामीण अंचल में ग्रामीण खुले में शौच कर रहे हैं। कुछ लोग के शौचालय से वंचित है तो जिनके बने है वह भी मजबूरी में उनका इस्तेमाल नहीं कर रहे, उसमें पशु व गोबर के उपले भरे हैं। अधिकांश शौचालय बनने के कुछ समय बाद ही उनका प्रयोग नहीं किया जा रहा है।
दैनिक जागरण की टीम ने ग्राम पंचायत सिरसा गढ़ में शौचालयों की स्थिति का जायजा लेने पहुंची तो देखा राजू घर भी शौचालय बना हुआ है। जिसका इस्तेमाल नहीं होता, बल्कि उसमें बकरी के बच्चे बंधते हैं। सभी घर वाले अभी भी खुले में शौच कर रहे हैं। इसी प्रकार से सुभाष और कमल के शौचालयों में गोबर के उपले भरे मिले । इसके अलावा गांव के राम सिंह, किशन देई, रामवती, दयाराम का आरोप है कि गांव में शौचालय बनवाने में पक्षपात किया गया है। अभी भी गांव में लगभग 20 फीसद लोगों के घर शौचालय नहीं बने। जिसके चलते बाहर खुले में शौच कर रहे हैं। वहीं टीम बराबर में ही गांव पंडकी पहुंची तो देखा कि भगवानदास के प्लाट में बना शौचालय बंद पड़ा है। जिसका इस्तेमाल नहीं होता। भले ही प्रशासन ने जिले को ओडीएफ मुक्त कर दिया हो, लेकिन यह कड़वा सच है कि ग्रामीण अंचल में कुछ लोग खुले में ही शौच कर रहे हैं। फोटो -जीजेएल 6 से 9:: दूसरी किस्त के अभाव में अधूरे पड़े हैं शौचालय
गजरौला: एक बेटी व एक बेटे की शादी करने के बाद ओमी उर्फ ओमप्रकाश व उनकी पत्नी लीला गांव की आबादी के अंतिम छोर पर एक कुटिया में रहते हैं। इनके घर में शौचालय नहीं है। हालांकि ओमी की पत्नी लीला ने अपने नाम से भी शौचालय के लिए आवेदन किया था, उसका चयन भी हो गया। शौचालय के लिए आधी किस्त का पैसा उसके खाते में आ गया। यह रकम खाते से निकाली तो सरकारी खर्च बताकर एक हजार रुपये गांव के एक जिम्मेदार ने झपट लिए। बाकी पाच हजार की रकम से एक गड्ढे की खोदाई कराकर उसकी बाउंड्री बनवा दी गई। ईंट व रेता मंगवा लिया। किस्त का बाकी पैसा आया नहीं, इसका कारण पूरा शौचालय नहीं बन सका। यह बात खुद दैनिक जागरण को लीला व उसके पति ओमी ने बताई। वहीं दस हजार की आबादी वाले इस गांव में विनीता पत्नी अतर सिंह, रामवती, समेत आधा दर्जन से अधिक मकानों में शौचालय बदहाल मिले। एडीओ पंचायत मदनपाल सिंह का कहना है कि अधूरे पड़े शौचालयों की उन्हें जानकारी नहीं है, जांच कर जिम्मेदारी करते हुए दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
शौचालय में ताला लगाकर भर दिए उपले
मंडी धनौरा: विकासखंड क्षेत्र के गांव शेरपुर को ओडीएफ घोषित किया गया है। मगर लाभार्थी भी इनका सदुपयोग नहीं कर रहे हैं। गांव में सुमित्रा के शौचालय में परिजनों ने उपले आदि भर रखे हैं। वही दिन भर इस पर ताला लगा रहता है। गांव के खचेडू, राजीव आदि का आरोप है कि वह पात्रता की श्रेणी में आता है। लेकिन उनके घर पर शौचालय का निर्माण नहीं कराया गया। रुखालू व जयतोली में खुले में जो रहे शौच
हसनपुर: विकास खंड गंगेश्वरी की ग्राम पंचायत रुखालू एवं जयतोली के मझरा गंगानगर एवं महमूदाबाद के अधिकांश घरों में शौचालय न होने से लोग सुबह शाम शौच करने के लिए जंगल में जाते हैं। ग्रामीणों का कहना है कि गांव भले ही ओडीएफ घोषित कर दिए हैं लेकिन उनके घरों में शौचालय नहीं है।
अभी और बनाए जाने हैं 8388 शौचालय
अमरोहा: अभी भी करीब 8388 शौचालय विहीन परिवारों में शौचालय बनाए जाने की प्रक्रिया चल रही है। यानी कि जिले को ओडीएफ घोषित करने के बाद 18,094 परिवार शौचालय विहीन निकल आए। ये तो सरकारी आंकड़ा है, लेकिन शौचालय विहीन परिवारों की संख्या कहीं अधिक है।