नारद ने भगवान विष्णु को दिया श्राप
औद्योगिक नगरी में बस्ती एवं स्टेशन रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन कलाकारों ने नारद मोह का मंचन किया। विश्वमोहिनी के स्वयं में बंदर का रूप पाकर भगवान विष्णु को श्राप देते हैं। इस दौरान पंडाल भगवान श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान रहे।
गजरौला : औद्योगिक नगरी में बस्ती एवं स्टेशन रामलीला महोत्सव के दूसरे दिन कलाकारों ने नारद मोह का मंचन किया। विश्वमोहिनी के स्वयंवर में बंदर का रूप पाकर नारद जी भगवान विष्णु को श्राप देते हैं। इस दौरान पंडाल भगवान श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान रहे।
मुहल्ला बस्ती स्थित अवंतिका पार्क में 90 वां श्रीराम लीला महोत्सव में वृंदावनधाम से आए जगदगुरु श्री बल्लभाचार्य लीला संस्थान के कलाकार अपनी प्रस्तुत से दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर रहे हैं। महोत्सव के दूसरे दिन मंगलवार को नारद मोह एवं विश्वमोहिनी स्वयंवर का बड़े ही सुंदर ढंग से मंचन किया। मंचन अनुसार नारद मुनि हिमालय की गुफा में तपस्या कर रहे थे। इंद्र ने कामदेव का नारद का तप भंग करने के लिए भेजा, लेकिन कामदेव, रंभा ओर अप्सराएं नारद का तप भंग करने में नाकाम रहीं। नारद ने कामदेव पर जीत की बात विष्णुजी को भी बता दी। विष्णु ने माया से सुंदर नगर रच डाला, जहां शीलनिधि राजा की पुत्री विश्वमोहिनी का स्वयंवर हो रहा था। श्री हरि से नारद जी यह वरदान लेकर कि उनका रूप नारद को मिल जाए। पहुंच गए। स्वयंवर में शिव के गणों ने नारद का मजाक उड़ाया। विश्वमोहिनी ने भगवान विष्णु का वरण किया। तब नारद को पता चला कि श्रीहरि का अर्थ बंदर भी होता है और उन्हें भगवान ने बंदर का रूप दे दिया है। तब नारद ने विष्णुजी को श्राप दिया। यहां अध्यक्ष रामप्रकाश गर्ग, डॉ. आशुतोष भूषण शर्मा, सोनू गर्ग, महामानव पाठक, बंटू, विपिन कौशिक, जर्नादन कौशिक, रामनिवास, कपिल गोयल, डॉ. निरंजन, कन्हैया, संजय ¨सघल आदि मौजूद रहे।
इधर, रेलवे स्टेशन पर भी नारद मोह व विश्वमोहिनी स्वयं का समस्तीपुर बिहार से आए कलाकारों ने बड़े ही सुंदर ढंग से मंचन किया। इस दौरान मंचन स्थल से भगवान श्रीराम के जयकारों से गुंजायमान रहा। यहां अध्यक्ष अकेंद्र रस्तोगी, राजकुमार अग्रवाल, डॉ. एलसी गहलौत, सोनू कश्यप, नवीन गर्ग आदि मौजूद रहे।