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कमलेश से बोली मां - तुझे शर्म नहीं आई, पिता व भाई भुगत रहे झूठी हत्या की सजा

हसनपुर प्रेमी के साथ सामान्य जीवन गुजार रही कमलेश को यह पता नहीं था कि उसकी हत्या में पिता- भाई जेल में हैं।

By JagranEdited By: Published: Sat, 08 Aug 2020 12:03 AM (IST)Updated: Sat, 08 Aug 2020 12:03 AM (IST)
कमलेश से बोली मां - तुझे शर्म नहीं आई, पिता व भाई भुगत रहे झूठी हत्या की सजा
कमलेश से बोली मां - तुझे शर्म नहीं आई, पिता व भाई भुगत रहे झूठी हत्या की सजा

हसनपुर: प्रेमी के साथ सामान्य जीवन गुजार रही कमलेश को यह पता नहीं था कि उसकी हत्या के जुर्म में पिता व भाई जेल की सजा काट रहे हैं। घर से प्रेमी संग फरार होने के बाद वह दिल्ली में रह रही थी। प्रेमी दिल्ली में मेहनत मजदूरी करता है। कोरोना संक्रमण को लेकर प्रतिबंध लगने के बाद काम नहीं मिला तो प्रवासी मजदूरों के साथ वह भी अपने गांव पौरारा लौट आए। मां चंद्रवती ने बेटी से कहा कि पिता व भाई तेरी हत्या के जुर्म में आठ महीने से जेल में बंद हैं और तू जिदा है। शर्म नहीं आई तुझे किसी से खबर भेजकर ही बता देती मैं जिदा हूं। इस पर कमलेश ने मां को बताया कि उसे यह पता ही नहीं था कि पिता व भाई उसकी हत्या के आरोप में जेल में बंद हैं। पता चल जाता तो वह खुद के जीवित होने का संदेश किसी माध्यम से स्वजनों तक जरूर पहुंचा देती। ईश्वर का करिश्मा, भाई को अचानक दिखी बहन

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हसनपुर: बेटी की हत्या के जुर्म में झूठे जेल की सजा काट रहे पिता सुरेश व भाई रूपकिशोर तो क्या स्वजनों को भी यह उम्मीद नहीं थी कि बेटी जिदा है लेकिन, ईश्वर का करिश्मा ऐसा सामने आया कि किसी रोजमर्रा के काम से पौरारा पहुंचे भाई राहुल की बाइक उसी घर के सामने जाकर बंद हो गई जिसमें उसकी बहन कमलेश थी। इतना ही नहीं उसकी बहन पर नजर भी पड़ गई। लोग इसे भगवान का चमत्कार मान रहे हैं। पुलिस के इकबाल पर सवाल उठा रहे लोग

जीवित बेटी की हत्या के जुर्म में बाप बेटे के आठ महीने से जेल में बंद होने के मामले से पर्दा हटने की सूचना क्षेत्र में तेल पर आग की तरह से फैल गई है। बेटी की हत्या के जुर्म में पिता पुत्र समेत तीन को झूठा जेल भेजने तथा इससे पहले अपहरण के मामले में दो आरोपितों को भी झूठे जेल भेजने के मामले में लोग पुलिस की जांच पर सवाल खडे़ कर रहे हैं। तो दोनों विवेचनाएं हुई फेल, सामने आया सच

हसनपुर: पहले युवती के बहला फुसलाकर अपहरण करने के आरोप में पुलिस ने जिस विवेचना को पूरा करके दो आरोपितों हरफूल व होराम को जेल भेजा था। कई महीने जेल काटकर जमानत पर ही छूटकर जेल से बाहर आए। इसके बाद पुलिस ने न्यायालय के आदेश पर दोबारा मामले की जांच की और अपहृता की हत्या की कहानी से संतुष्ट होकर पिता सुरेश, भाई रूपकिशोर व दिव्यांग रिश्तेदार देवेंद्र को हत्या के जुर्म में जेल भेज दिया। कमलेश के जीवित होने से यह साफ हो गया है कि पुलिस की दोनों विवेचनाएं पूरी तरह से फेल रहीं। पुलिस ने मृतका के कपड़े भी किए थे बरामद

हसनपुर: अपहृता की हत्या की कहानी सामने आने पर पुलिस ने पिता पुत्र समेत तीनों आरोपितों को हिरासत में लेकर पूछताछ के दौरान गंगा किनारे कच्चे रास्ते के नजदीक एक झुंड के पास से प्लास्टिक के कटटे में रखे मृतका के कपड़े व आला कत्ल एक अदद तमंचा, दो जीवित कारतूस व एक खाली खोखा भी बरामद किया था। भाकियू ने दोषियों पर कार्रवाई को दिया अल्टीमेटम

ढवारसी: भारतीय किसान यूनियन के तहसील अध्यक्ष ठाकुर महेश सिंह ने बेटी की हत्या के झूठे आरोप में पिता व भाई समेत तीन को जेल भेजने के मामले को गंभीरता से लेते हुए जेल में बंद निर्दोष लोगों को तत्काल रिहा कराने तथा पूरे प्रकरण की जांच कर दोषी पुलिस वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई किए जाने की मांग की है। चेतावनी दी है कि 15 अगस्त तक इस मामले में संतोषजनक कार्रवाई नहीं की गई तो भाकियू आंदोलन करेगी।


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