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रहमान के लिए मां रोई और पालनहार भी

गजरौला आमतौर पर डोली व अर्थी उठने पर तमाम लोगों को दहाड़ मारकर व सुबकते हुए देखा जाता है लेकिन गुरुवार को पटना के रहमान के लिए अपने व पराए एक साथ आंसू बहाते नजर आए। एक तरफ जन्म देने वाली मां की आंखों में खुशी के आंसू थे तो दूसरी तरफ विदा करने वाले परायों की आंखों में जुदा होने का दर्द आंसू बनकर झलक रहा था।

By JagranEdited By: Published: Thu, 19 Sep 2019 11:30 PM (IST)Updated: Fri, 20 Sep 2019 06:27 AM (IST)
रहमान के लिए मां रोई और पालनहार भी
रहमान के लिए मां रोई और पालनहार भी

गजरौला : आमतौर पर डोली व अर्थी उठने पर तमाम लोगों को दहाड़ मारकर रोते हुए देखा जाता है, लेकिन गुरुवार को पटना के रहमान के लिए अपने व पराए एक साथ आंसू बहाते नजर आए। एक तरफ जन्म देने वाली मां की आंखों में खुशी के आंसू थे तो दूसरी तरफ विदा करने वाले परायों की आंखों में जुदा होने का दर्द आंसू बनकर झलक रहा था।

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यह नजारा गुरुवार को ब्लाक क्षेत्र के ग्राम कटाई में पूर्व प्रधान लियाकत खां के घर देखने को मिला। मामला यह था कि बिहार की राजधानी पटना के मुहल्ला पाली कोलनी पोस्ट गुलजार बाग निवासी मोहम्मद अजीम का पुत्र अब्दुल रहमान करीब नौ साल पहले घूमने के इरादे से गुलजार बाग रेलवे स्टेशन से किसी ट्रेन में सवार होकर घर से लापता हो गया था। उस समय उसकी उम्र सात साल थी। लिहाजा घर का पूरा पता भी नहीं जानता था। ट्रेन में भटकते हुए यहां दरियापुर रेलवे स्टेशन आ पहुंचा था। यहीं कटाई के अखलाक का बाग है। उन्होंने कुछ समय उसे अपने पास रखा। उसके बाद कटाई के पूर्व प्रधान लियाकत के पास किसी तरह पहुंच गया। यहां नौ साल में वह 16 साल का अच्छा समझदार हो गया। चूंकि पूर्व प्रधान ने अपने बेटों की तरह घर पर रखा। एक इंटर कालेज में नाम लिखवाकर उसे पढ़ाया। वह भी परिवार में घुल मिल गया था, लेकिन उसे जन्म देने वाले मां-बाप की याद भी सताती रही। ऐसे मिला मां-बाप का पता

गजरौला : पूर्व प्रधान लियाकत के घर रहकर मोबाइल फोन भी चलाना सीख गया। उन्होंने उसे स्मार्ट फोन दिला दिया। इसके बाद वह व्हाट्सएप, फेसबुक इत्यादि भी चलाना सीख गया। एक रोज उसने नक्शे पर पाली कोलनी लिखकर सर्च किया तो उसे कुछ मीनारों के चित्र नजर आए। पाली कोलनी में भी मीनारें हैं। उन्हें उसने पहचान मीनारों के चित्र अपलोड करने वाले नंबर पर संपर्क किया। बातचीत हुई। उसने अपनी मां व पिता के नाम बताए। संबंधित नंबर पर बात करने वाले युवक ने क्षेत्र के लोगों से चर्चा की। तब पता लगा कि तमन्ना खातून नामक एक महिला का पुत्र बहुत साल पहले गुम हो गया है। उस महिला का एक हाथ व पैर सामान्य रूप से काम नहीं करता है। यही पहचान बताकर बात की गई तो अब्दुल रहमान ने वहीं उसकी मां होने की बात कही। इसके बाद वीडियो कॉल पर बातचीत कर तमन्ना खातून व रिश्तेदार मोहम्मद खलीक ने उससे यहां का पता पूछ लिया। रहमान इस बातचीत की जानकारी यहां के लोगों को भी देता रहा था। इसके बाद बिहार के पटना से तमन्ना खातून, अपने छोटे बेटों 12 साल के सलमान व 10 साल अरमान, रिश्तेदार मोहम्म्द खलील व अकबरी बेगम को लेकर मंगलवार को यहां पहुंच गई। रहमान के जुदा होने पर रोए दोनों परिवार

गजरौला : गुरुवार की दोपहर मां तमन्ना खातून, अपने छोटे बेटों 12 साल के सलमान व 10 साल के अरमान, रिश्तेदार मोहम्मद खलील व अकबरी बेगम के साथ मोहम्मद रहमान को साथ लेकर लौट गए। इस दौरान का माहौल दोनों परिवारों के देखकर रो पड़ रहा था। तमन्ना को नौ साल बाद अपने खो बेटे को पाने की खुशी थी।


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