कर्बला तेरी किस्मत पर लाखों सलाम..
शोहदा-ए-कर्बला की याद में चार मुहर्रम का मातमी जुलूस नगर के मुहल्ला मछरट्टा स्थित अजाखाना हुरमत शाह से बरामद हुआ। फिजा में देर शाम तक या हुसैन या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं।
अमरोहा : शोहदा- ए- कर्बला की याद में चार मुहर्रम का मातमी जुलूस नगर के मुहल्ला मछरट्टा स्थित अजाखाना हुरमत शाह से बरामद हुआ। फिजा में देर शाम तक या हुसैन या हुसैन की सदाएं गूंजती रहीं। इससे कर्बला की शहादत का गम ताजा हो गया।
मातमी जुलूस में सबसे आगे ऊंट चल रहे थे। इन पर सवार मासूम बच्चों ने काले कपड़े पहने हुए थे। जो, लब्बैक या हुसैन की सदा बुलंद कर रहे थे। इसके पीछे आराईश चल रही थी। रौशन चौकी में मातमी धुन बजाई जा रही थी। इसके पीछे हुसैनी बाजा, अलम, तख्त व दुलदुल थे। जो, करबला की जंग के तमाम मंजरों की याद दिला रहे थे। आशिकाने हुसैन नंगे पैर, नंगे सिर शहीदे कर्बला हुसैन का नारा लगाते हुऐ चल रहे थे।
जुलूस की शुरूआत में तबारक अली व उनके हमनवा ने मर्सिया पढ़ा। जुलूस में दुलदुल घोड़ा था। इस पर पड़ी चादर को अजादार चूम रहे थे, अकीदत में उसे अपने घर ले जाते हैं। इस पर लगभग 14 किलो चांदी के जेवर थे।
पुरानी रिवायत के मुताबिक जुलूस दरबारे कलां, कटकुई, लकड़ा, हक्कानी, पचदरा, काजीजादा, मजापोता, कोट, दानिशमंदान, बगला, शफात पोता होते हुआ कटरा, गुजरी से होकर दोबारा मच्छरट्टा पहुंचकर समाप्त हुआ। जुलूस अंजुमन तहफ्फुजे अजादारी के तत्वाधान में निकाला गया गया।
जुलूस में अंजुमन तहफ्फुजे अजादारी के सदर हसन शुजा नकवी, लियाकत अमरोहवी, जिया एजाज, डॉ.सईदुल हसन, शरफ अली खां, आदिल जफर खां, जर्रार हैदर, कमाल हैदर, कमर सिब्तैन, हसन इमाम, डॉ. नाशिर नकवी, सुहैल मुर्तजा, वसीम जैदी, हुसैन इमाम, काजिम अब्बास, बशीर हैदर, जावेद असगर, सईद अकदस, हसन अब्बास, हकीम सुहैल, आसिम नकवी, मिक्की नकवी, रोशन, नईम रजा, आबाद हसन, सरफराज हुसैन, नईम कौसर, खुर्रम, गुफरान मेहदी, जौहर नकवी, सादिक हुसैन, शफाअत हुसैन, डॉ. लाडले रहबर, मोहसिन नकवी एडवोकेट, रिजवान अली, हुसैन अब्बास,जॉन तकवी, सईद अकरम, फरमान हैदर, हकीम सैयद हुसैन, एहतराम हुसैन, आसिफ अन्सार, सईद रजा, सहर हसन, जावेद कमाल, आदि लोग मौजूद रहे।
जुलूस का संचालन अंजुमन रजाकाराने हुसैनी ने किया। रजाकारान काईद गुलाम सज्जाद, खुर्शीद हैदर जैदी, अख्तर अब्बास अप्पू, डॉ. चन्दन नकवी, वसीम जैदी, इमदाद आब्दी, मोहम्मद हैदर, सिराज गालिब हुसैनी, नजीर हैदर आदि ने किया। उधर, शहर के अजाखानों में मजलिसों का भी सिलसिला चला। अजाखाना मुस्ममात नूरन में डॉ.लाडले रहबर ने मजलिस को खिताब किया।
मुहल्ला नक्शबी स्थित अजाखाने में पैयम्बर अमरोहवी ने वाक्या-ए-कर्बला बयां किया। अंजुमन तहफ्फुजे अजादारी के सदर हसन शुजा नकवी ने बताया कि आज यानि रविवार को पांच मुहर्रम का जुलूस मोहल्ला सद्दो स्थित अजाखाना रफाती से बरामद होगा। इसकी तमाम तैयारियां मुकम्मल कर ली गई हैं। यह जुलूस अपने रिवायती रास्तों से गश्त करता हुआ वापस आएगा। यह अजाखाना इश्के हुसैन में रफाती नामक सक्के ने बनवाया था। तभी से इस अजाखाने से अजादारी का सिलसिला हस्बे दस्तूर चलता आ रहा है।