मुल्क से मोहब्बत इस्लामी तालीम का हिस्सा : मौलाना
जागरण संवाददाता, अमरोहा: आलिमेदीन डॉ.मोहम्मद उमर गौतम ने कहा कि नबी-ए-करीम की सीरत पर अमल करके ही ¨जदगी को कामयाब बनाया जा सकता है।
अमरोहा : आलिमेदीन डॉ.मोहम्मद उमर गौतम ने कहा नबी-ए-करीम की सीरत पर अमल करके ही ¨जदगी को कामयाब बनाया जा सकता है। इस्लामी तालीम को अपनाइए। दूसरे लोगों की सलामती और खुशहाली के लिए भी दुआ कीजिए। न कोई छोटा है और न कोई बड़ा। इस्लाम का यह पैगाम पूरी दुनिया और आलमे इंसानियत के लिए है।
इस्लामिक दावा सेंटर के चेयरमैन डॉ.उमर गौतम मुस्लिम कमेटी के तत्वावधान में ईद मिलादुन्नबी की तकरीबात के सिलसिले में नल चौराहा पर आयोजित जलसा-ए-सीरते पाक को खिताब फरमा रहे थे। उन्होंने कहा बच्चों की तरबियत का खास ख्याल रखें क्योंकि आने वाले दौर में इन्हीं से आपकी पहचान होनी है। इत्तेहाद का पैगाम देते हुए कहा मुल्क और मिल्लत के लिए आपसी भाईचारे का बढ़ावा देना जरूरी है। मुल्क के मौजूदा हालात में अब मुसलमानों की जिम्मेदारी बढ़ गई है। उन्हें रसूल-ए-पाक के सुन्नत पर अमल करना जरुरी हो गया है।
फरमाया कि मुल्क से मोहब्बत इस्लाम की तालीम का हिस्सा है। पड़ोसियों से कैसा सुलूक करना है, उनके हुकूक क्या हैं, यह सब इस्लाम और कुरआन ने साफ-साफ बताया है। सिर्फ पड़ोसी का जिक्र है। चाहे वो किसी भी मजहब का क्यों न हो। आगे कहा आज पश्चिमी कल्चर मआशरे पर हावी हो गया, जिसके नुकसान भी सामने आ रहे हैं। बेहयाई बढ़ती जा रही है। इसकी रोकथाम के लिए समाज के हर शख्स को फिक्र करनी होगी अगर इस तरफ ध्यान नहीं दिया तो हमारे बुजुर्गो की तहजीब का नामोनिशां मिट जाएगा।
इससे पूर्व जलसे का आगाज मुफ्ती समीर ने तिलावते कलामे पाक से किया। मौलाना साद अमरोहवी, जुबैर इब्ने सैफी, आमिर लईक व मोहम्मद बाबर ने नात शरीफ पेश की। जलसे में मोहम्मद जाहिद साहब व मुफ्ती सगीर अहमद कासमी ने भी तकरीर की। इस दौरान मुस्लिम कमेटी के सदर हाजी अब्दुल कयूम राईनी, मंसूर अहमद, डॉ. नजमुन्नबी, आले नबी, उवैस मुस्तफा रिजवी, इकरार अंसारी, हाजी खुर्शीद अनवर, दिलशाद अहमद, अबसार अहमद, मरगूब सिद्दीकी, महबूब हुसैन जैदी, अली इमाम रिजवी, कमर नकवी मौजूद रहे।