रामलीला में लवकुश का सुनाया वर्णन
गजरौला बस्ती में 92 वें श्री रामलीला महोत्सव में मंगलवार की रात लवकुश का वर्णन सुनाया गया।
गजरौला : बस्ती में 92 वें श्री रामलीला महोत्सव में मंगलवार की रात लवकुश का वर्णन सुनाया गया।
आरती एवं पूजन के पश्चात उपस्थित समिति के सदस्यों ने श्रीराम ल्प्लर्् राज्याभिषेक के बाद अयोध्या में चारों और हर्ष का वातावरण छाने का वर्णन सुनाया। बताया एक धोबी के आरोप से आहत होकर श्रीराम माता सीता को वनवास दे देते हैं। लक्ष्मण सीता जी को वन में छोड़ आते हैं। वह महर्षि वाल्मीकि के आश्रम में पहुंच जाती हैं। आश्रम में लव और कुश का जन्म होता है। उधर अयोध्या में श्रीराम अश्वमेघ यज्ञ का आयोजन कर घोड़े को विजय पताका के साथ रवाना करते हैं। घोड़े को लव कुश पकड़ कर आश्रम में बांध लेते हैं। अयोध्या की समस्त सेना लव कुश से हार जाती है तब श्री राम युद्ध के लिए आते हैं। माता सीता बीच में आकर बताती हैं कि यह दोनों आप के ही पुत्र हैं। श्री राम सीता जी से अयोध्या वापस चलने के लिए कहते हैं परंतु सीता जी धरती की गोद में समा जाती हैं। तब श्रीराम लव कुश को लेकर अयोध्या लौट आते हैं। कथा का वर्णन किया गया।
इस अवसर पर अध्यक्ष रामप्रकाश गर्ग, उपाध्यक्ष शैलेश गर्ग, प्रबंधक डाक्टर आशुतोष भूषण शर्मा, महामंत्री विपिन कौशिक, कोषाध्यक्ष डाक्टर निरंजन प्रसाद गर्ग, जनार्दन कौशिक, रामनिवास अग्रवाल, अजय कुमार सिघल, संजीव सिघल, प्रमोद कुमार सिघल, योगेंद्र कुमार बंटू, राहुल गोयल, गौरव गोयल, संजय सिघल, ग्रीस विश्वकर्मा, नितिन बंसल सहित गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।