नवीन भारत के विकास में जनसंख्या वृद्धि व शिक्षा का अभाव बाधक
जागरण संवाददाता, अमरोहा : हिन्दूपीजी कालेज में आयोजित सेमीनार के दूसरे दिन मुख्य अतिथि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रईस अहमद ने कहा कि आज भारत डिटिलाइजेशन के माध्यम से ई-कॉमर्स, ई-मार्के¨टग एवं आयात प्रतिबंधित करने के कारण भारत अंतराष्ट्रीय जगत में अपना स्थान बनाने के लिए प्रयासरत है। कृषि
अमरोहा : जेएस हिन्दू पीजी कालेज में आयोजित सेमिनार के दूसरे दिन मुख्य अतिथि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के प्रोफेसर रईस अहमद ने कहा आज भारत डिजिटलाइजेशन के जरिये ई-कॉमर्स, ई-मार्के¨टग एवं आयात प्रतिबंधित करने के कारण अंतरराष्ट्रीय जगत में अपना स्थान बनाने के लिए प्रयासरत है।
सेमिनार के दूसरे व अंतिम दिन प्रोफेसर रईस अहमद ने कहा कृषि अर्थव्यवस्था के माध्यम से देश यह अपेक्षा कर रहा है कि ग्रामीण वित्त को ध्यान में रखते हुये किसानों को ऋण दिया जाये एवं एनजीओ के माध्यम से भारत अधिक से अधिक लोगों की सहायता करे जिसके आधार पर अंतरराष्ट्रीय जगत में भारत अपना स्थान बना सके। इसके अलावा महिला सशक्तिकरण पर भी जोर दिया गया।
महर्षि दयानन्द सरस्वती विश्वविद्यालय, अजमेर से आये कुलपति प्रोफेसर आरपी ¨सह ने कहा हमें जनसंख्या, पेयजल व्यवस्था तथा शिक्षा पर ध्यान देना चाहिए। तभी हम 2022 में नवीन भारत की कल्पना कर सकते है। हमें अपनी मानसिकता में परिवर्तन लाना होगा क्योंकि देश के उत्थान में जनसंख्या की बढ़ोतरी एक अभिशाप के रूप में उभरी है। इस मौके पर प्राचार्य एके मिश्र, साहू जैन कालेज नजीबाबाद से आए प्रोफेसर ऐके मित्तल, कमला नेहरु इंस्टीट्यूट से आए प्रो. बीके झा ने भी अपने विचार रखे।
इस दौरान डॉ. वन्दना रानी गुप्ता, डॉ. वी.बी. बरतरिया, डॉ. संजय शाही, डॉ. अशोक रुस्तगी, डॉ. अनिल रायपुरिया, डॉ. बीना रुस्तगी, डॉ. एस.के. ¨सह, डॉ. निखिल दास, डॉ. मनन कौशल आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का संचालन पूर्व प्राचार्य डा. पीके जैन ने किया। कालेज प्राचार्य सुधांश शर्मा ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया। 45 हजार रुपये करोड़ रुपये विदेशी शिक्षा पर होते हैं खर्च
अमरोहा : अतिविशिष्ट अतिथि लखनऊ विश्वविद्यालय के वाणिज्य एवं प्रबंध संकाय के डीन अध्यक्ष प्रोफेसर सोमेश शुक्ला ने कहा कि 45 हजार करोड़ रुपये विदेश में पढ़ने वाले बच्चे प्रतिवर्ष खर्च करते हैं। यदि वह अपने देश भारत में ही शिक्षा ग्रहण करें तो देश विकास की ओर अग्रसर हो सकता है। भारत को विश्व गुरु बनाने की तो बात सब करते हैं परन्तु भारत गुरु की श्रेणी में ही यदि आ जाए तो यह बहुत बड़ी सफलता होगी। आज के समय में अर्थशास्त्री एवं वैज्ञानिक भी राजनैतिक पार्टियों के अनुरूप चलते हैं जो सपनों में भारत दिखाने की कोशिश करते हैं मगर सच यह है कि कर्म करने से एवं उन सपनों को साकार करने से भारत को नवीन भारत में परिवर्तित कर सकते हैं। बिना स्वच्छता विकसित देश बनना मुश्किल
अमरोहा : हिन्दू पीजी कालेज के प्राचार्य डॉ. सुधांश शर्मा ने कहा कि आज भारत अर्द्धविकसित देश की श्रेणी में आता है। विकसित होने के लिए 2022 तो क्या 2030 में भी विकसित की श्रेणी में नहीं आ पायेगा, क्योंकि भारत में स्वच्छता पर कोई ध्यान ही नहीं दिया जाता। स्वच्छता पर विशेष जोर दिया।