गर्मी से बढ़ी बीमारी, मरीजों से पटा अस्पताल
अमरोहा : गर्मी चरम पर हैं और बीमारी भी पांव पसार रही है। डायरिया यानी दस्त गर्मी में होने वाली आम बी
अमरोहा : गर्मी चरम पर हैं और बीमारी भी पांव पसार रही है। डायरिया यानी दस्त गर्मी में होने वाली आम बीमारी है। आजकल जिला अस्पताल व सीएचसी सहित प्राइवेट अस्पतालों में हर रोज काफी तादाद में डायरिया से पीड़ित मरीज पहुंच रहे हैं। जिला अस्पताल का इमरजेंसी से लेकर जनरल वार्ड और चिल्ड्रेन वार्ड मरीजों से पटा हुआ है। इनमें डायरिया के मरीज सबसे अधिक हैं।
जिले का तापमान लगातार बढ़ता जा रहा है। ऐसे मौसम में मक्खी और मच्छरों की अधिकता होनी तय है, और इन्हीं से पैदा होने वाले वैक्टीरिया दस्त का मुख्य कारण बनते हैं। इनसे आंतों में संक्रमण होता है, जो दस्त जैसे रोग को उत्पन्न करता है। इसे डॉंक्टरी भाषा में 'कोलाइटिस' भी कहते हैं। हैजा जैसे रोग भी इसी समय होते हैं। पेट से उत्पन्न ज्यादातर तकलीफों की शुरुआत उल्टी-दस्त से ही होती है।
डॉंक्टरों के अनुसार एक पखवारे से दस्त के मरीजों में इजाफा हुआ है। अगर हम रोज की बात करें तो औसतन 40 मरीज दस्त की समस्या हर रोज जिला अस्पताल पहुंच रहे हैं। यही हाल शहर की अन्य क्लीनिकों का है। चिकित्सकों ने इनकी संख्या और बढ़ने की आशंका जताई है। गंभीर मरीजों को चिकित्सक तत्काल अस्पताल में भर्ती कर लेते है। सोमवार को करीब आठ मरीजों को चिल्ड्रेन वार्ड में भर्ती कराया गया। डायरिया के लक्षण
पतले दस्त, जिसमें जल की मात्रा ज्यादा होती है, थोड़े-थोड़े समय के अंतराल पर आते हैं।
खाने में बरती गई असावधानी इसका प्रमुख कारण होता है।
दस्त के तीव्र प्रकोप से पेट के निचले हिस्से में पीड़ा या बेचैनी महसूस होती है।
पेट मरोड़ना, उल्टी आना, बुखार होना, कमजोरी महसूस करना दस्त के लक्षण हैं।
दस्त देर तक रहने पर आदमी को कमजोरी और निर्जलीकरण की समस्या पैदा हो जाती है। क्या है उपचार
दस्त रोग से निपटने के लिए जरूरी है कि शरीर में हुई पानी व नमक की कमी को पूरा किया जाए। सामान्य रूप में दस्त रोगियों की घर पर ही देखभाल की जाती है, परन्तु जरूरत पड़ने पर अस्पताल में भर्ती कराना जरूरी है।आजकल सभी दवा दुकानों पर ओआरएस के पैकेट आसानी से उपलब्ध होते हैं। इस घोल को पानी में मिलाकर समय-समय पर लेने से शरीर में आई पानी की कमी को पूरी की जा सकती है। दो दिन में हालत में सुधार न हो तो जल्द से जल्द किसी डॉंक्टर की सलाह लें। गर्मी के कारण डायरियों के मरीजों की संख्या बढ़ी है। सबसे ज्यादा बच्चे इस बीमारी से पीड़ित होकर आ रहे है। मरीजों का तत्काल उपचार किया जा रहा है। अगर उनकी हालत खराब लग रही है तो तत्काल उन्हें भर्ती कर लिया जाता है। नहीं तो दवाइयां देकर उन्हें एहतियात बरतने के बारे में बता कर घर भेज दिया जाता है।
अवनीश कुमार, बाल रोग विशेषज्ञ