अंजान भी बचा सकता सड़क दुघर्टना में घायल की जान
गुड सेमेरिटन (अनजान) सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को सरकारी व निजी अस्पताल में भर्ती कराकर उसकी जान बचा सकते हैं। चिकित्सक बिना परिचय के ही उसका उपचार करेंगे। परिजनों के आने तक किसी प्रकार की कोई फीस का सबाल नहीं करेंगे। चिकित्सक के इलाज में लापरवाही करने पर इंडियन मेडिकल काउंसिलिग रेगुलेशन के तहत कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ ने इस संबंध में आइएमए को दी गई गाइड लाइन का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
जागरण संवाददाता, अमरोहा : गुड सेमेरिटन (अनजान व्यक्ति) सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल व्यक्ति को सरकारी व निजी अस्पताल में भर्ती कराकर उसकी जान बचा सकते हैं। चिकित्सक बिना परिचय के ही उसका उपचार करेंगे। परिजनों के आने तक किसी प्रकार की कोई फीस का सवाल नहीं करेंगे। चिकित्सक के इलाज में लापरवाही करने पर उसके खिलाफ इंडियन मेडिकल काउंसिल रेगुलेशन के तहत कार्रवाई की जाएगी। सीएमओ ने इस संबंध में आइएमए को दी गई गाइड लाइन का पालन करने के निर्देश दिए हैं।
देशभर में रोजाना हजारों की संख्या में व्यक्ति सड़क दुघर्टनाओं में दम तोड़ रहे हैं। सड़क दुर्घटना में कोई अंजान व्यक्ति घायल को पुलिस की कार्रवाई व जेब खर्चे के डर से निजी व सरकारी अस्पताल में भर्ती नहीं कराता है। जिससे बहुत से व्यक्ति इलाज के अभाव में वहीं दम तोड़ देते हैं। इन्हीं शिकायतों के मद्देनजर सुप्रीम कोर्ट ने मामले को गंभीरता से लिया है। उन्होंने जनहित में स्वास्थ्य विभाग को आदेश जारी किया है कि अब कोई भी अनजान व्यक्ति(गुड सेमेरिटन) गंभीर रूप से घायल किसी व्यक्ति को निजी या सरकारी अस्पताल में भर्ती कराता है तो उससे कोई पूछताछ नहीं की जाए, परिजनों के आने तक किसी प्रकार की फीस का सवाल नहीं करें, बल्कि घायल मरीज का सही तरीके से इलाज करें। यदि कोई चिकित्सक इलाज में लापरवाही करता है तो परिजनों की शिकायत पर सीधे इंडियन मेडिकल काउंसिल रेगुलेशन चिकित्सक के खिलाफ कार्रवाई करेंगी। आपातकाल विभाग के अध्यक्ष की अध्यक्षता में गठित समिति को अस्पतालों में दी गई गाइड लाइन का पालन कराने को कहा गया है। सीएमओ डॉ. रमेश चंद शर्मा ने इंडियन मेडिकल एसोसिएशन को गाइड लाइन का पालन करने के निर्देश दिए हैं। अस्पतालों के बाहर लिखना होगा कोई आपत्ति नहीं
अब निजी चिकित्सकों को अपने अस्पताल से बाहर बोर्ड पर यह लिखना होगा कि गुड सेमेरिटन के द्वारा सड़क दुघर्टना में किसी घायल व्यक्ति को निजी अस्पताल में भर्ती कराता है तो कोई आपत्ति नहीं है। इस संबंध में सीएमओ ने सभी निजी चिकित्सकों से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट सौंपने के आदेश दिए हैं। एक सप्ताह के अंदर मांगी गई रिपोर्ट
-सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सभी निजी चिकित्सकों को दिए गए निर्देशों की गाइड लाइन का पालन करने के निर्देश दिए गए हैं। जिसमें सभी से एक सप्ताह के अंदर रिपोर्ट मांगी गई है।
-डॉ. रमेश चंद शर्मा, सीएमओ