भगवान ने अत्याचारियों के दमन को लिया अवतार : बिरजानंद
कथावाचक बिरजानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने पापों के नाश के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया व कंस जैसे अत्याचारी का वध कर धर्म की रक्षा की। हमें भगवान के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए। शहर के आनंद धाम आश्रम में चल रही श्रीमद् भागवत कथा के चौथे दिन कथावाचक श्री सरस्वती जी महाराज ने कहा कि भगवान कृष्ण देवकी के आठवें पुत्र थे। कंस ने देवकी व वासुदेव को कारागार में बंद कर रखा था। भगवान के जन्म के वक्त देवकी व वासुदेव की बेडिय़ां व कारागार का दरवाजा स्वत ही खुल गया।
मंडी धनौरा : कथावाचक बिरजानंद सरस्वती जी महाराज ने कहा भगवान श्री कृष्ण ने पापों के नाश के लिए पृथ्वी पर अवतार लिया व कंस जैसे अत्याचारी का वध कर धर्म की रक्षा की। हमें भगवान के जीवन चरित्र से प्रेरणा लेनी चाहिए।
वह आनंद धाम आश्रम में चल रही श्रीमद्भागवत कथा के चौथे दिन प्रवचन कर रहे थे। कहा भगवान कृष्ण देवकी के आठवें पुत्र थे। कंस ने देवकी व वासुदेव को कारागार में बंद कर रखा था। भगवान के जन्म के वक्त देवकी व वासुदेव की बेडि़यां व कारागार का दरवाजा स्वत: ही खुल गया। सिपाही मूर्छित होकर जमीन पर गिर पड़े। भगवान को वासुदेव गोकुल माता यशोदा के घर लेकर पहुंचे। भगवान ने अपने पूरे जीवन काल के दौरान चमत्कार किए व बकासुर, कालिया सर्प, पूतना आदि राक्षसों का वध किया।
इस मौके पर उन्होंने आकर्षक भजन प्रस्तुत कर लोगों को भाव विभोर कर दिया। वहीं महिला मंडली द्वारा बधाई दी गई। इस मौके पर विजय अग्रवाल, शलभ भारद्वाज, एसपी गांधी, पंडित महेश शर्मा, राखी अग्रवाल, राहुल शर्मा, शिवकुमार, अर¨वद, सुमित आदि मौजूद थे।