गजरौला प्रदूषित शहरों की सूची में, लगे ऑनलाइन निगरानी सिस्टम
गजरौला औद्योगिक नगरी प्रदूषित गैस को लेकर एक बार फिर चर्चा में है।
गजरौला : औद्योगिक नगरी प्रदूषित गैस को लेकर एक बार फिर चर्चा में है। अभी तक यहां का नाम केमिकल उत्पादन वाली एक बड़ी इकाई के प्रदूषित गैस व पानी को लेकर उभरता था लेकिन, इस बार दूसरी कंपनी तेवा एपीआइ के टैंक से हुए रिसाव को लेकर सुर्खियों में है।
इन फैक्ट्रियों से निकलने वाली प्रदूषित गैस व पानी को लेकर ही गजरौला का नाम भी देश के प्रदूषण के लिए चर्चित बड़े शहरों की सूची में शुमार हो गया है। हालांकि यहां की दिनों-दिन जहरीली होती आबोहवा पर नजर रखने के लिए कोई आधुनिक प्रबंध नहीं हैं, लेकिन लगातार बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए अब यहां की निगरानी के लिए ऑनलाइन मॉनीटरिग सिस्टम की आवश्यकता महसूस की जा रही है। इसके लिए बिजनौर के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग के अधिकारी जेपी मौर्य ने अपने मुख्यालय को पत्र भी लिखा है।
रविवार की रात जहरीली गैस के कारण लोगों को हुई भारी परेशानी के कारण उसी रात से जांच पड़ताल का दौर चल रहा है। मंडी धनौरा मार्ग की तेवा एपीआइ फैक्टरी गैस रिसाव को लेकर जांच टीमों के निशाने पर है। वैसे यह पहला मामला नहीं है, जब प्रदूषित गैस को लेकर मीडिया में सुर्खियां बन रहीं हैं। इससे पहले हाल में भी एक अन्य बड़ी इकाई के बाहर बिछी पाइप लाइन से हुए लीकेज की वीडियो सोशल मीडिया व ट्वीटर पर अपलोड होने पर केंद्र तक से जांच को टीम पहुंची थी। इसको देखते हुए प्रदूषण नियंत्रण विभाग यहां निगरानी को आधुनिक तकनीक वाले यंत्र लगने की आवश्यकता महसूस कर रहा है। इसके लिए लिखा पढ़ी आरंभ भी हो चुकी है।
बिजनौर कार्यालय के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण अधिकारी जेपी मौर्य का कहना है कि उनके द्वारा गजरौला में बढ़ते प्रदूषण को देखते हुए हेड आफिस को पत्र भेजा गया है, जिसमें गजरौला की आबोहवा की निगरानी को ऑनलाइन मॉनीटरिग सिस्टम लगाने की पैरवी की गई है। उनके मुताबिक इस पत्र को राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के द्वारा केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण विभाग को भेज दिया गया है। गजरौला देश व प्रदेश के चर्चित प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल
गजरौला : बिजनौर के क्षेत्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड अधिकारी जेपी मौर्य ने बताया बढ़ती प्रदूषण की समस्या के चलते गजरौला का नाम भी बड़े प्रदूषित शहरों की सूची में शामिल हो गया है। जनवरी 2020 में जारी सूची में देश के प्रदूषित शहरों में यूपी के जिन शहरों के नाम दिए गए थे। उनमें गजरौला भी शामिल था। पर्यावरण मंत्रालय द्वारा राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम आरंभ किया गया है। इसमें शामिल प्रदेश के कुछ नए शहरों में गजरौला को भी शामिल किया गया है। एनजीटी के आदेश पर 14 इकाइयां एक माह रहीं थीं बंद
गजरौला : प्रदूषित पानी बाहर बगद नदी में बहाने की शिकायतों को लेकर एनजीटी ने यहां की 14 छोटी-बड़ी इकाइयों के प्रदूषित पानी बाहर निकालने वाले प्लांटों को एक माह बंद रखने के आदेश दिए थे। वहीं केंद्र की गठित टीम ने यहां इकाईयों में छापेमारी भी की थी।