रसूले पाक की सुन्नतों पर चलें मुसलमान
अमरोहा : नातिया महफिल में शायरों ने बारगाहे रिसालत में नजराना-ए-अकीदत पेश कर फिजा को नूरानी बना दिया
अमरोहा : नातिया महफिल में शायरों ने बारगाहे रिसालत में नजराना-ए-अकीदत पेश कर फिजा को नूरानी बना दिया। नाते पाक में रसूले अरबी की सीरत को बयां किया और कलाम के जरिए उनकी सीरत पर ¨जदगी गुजारने का दर्स भी दिया।
ईद मिलादुन्नबी के मौके पर निकलने वाले जुलूस-ए-मोहम्मदी के बानी डॉ.मोहम्मद अहसान के नौबत स्थित आवास पर शनिवार रात सजी इस नूरानी महफिल का आगाज मोहम्मद यासिर ने तिलावते कलामे पाक से किया। मुफ्ती मोहम्मद असलम ने सीरते तयैबा पर तकरीर करते हुए हाजरीन को सुन्नतों के मुताबिक ¨जदगी गुजारने का दर्स दिया। उसके बाद शायरों ने कलाम पेश किए। जुनैद अकरम फारूकी ने कहा-तेरी मर्जी है तू जन्नत में जहां रख लेकिन, ऐ खुदा दिल तो मेरा कुरबे मोहम्मद चाहे। साद अमरोहवी ने अकीदत यूं पेश की-नातगोई का सिला ये भी कोई कम तो नहीं, एक गरीब आदमी हज करने चला जाता है। शीबान कादरी यूं नमूदार हुए-तलवार मोम कर ही नहीं सकती संग को, पिघलाया है दिलों को मोहम्मद ने प्यार से। लाडले रहबर ने पढ़ा-कैसे होता है नुजूले रहमते परवरदिगार, जाइए सरकारी की महफिल में जाकर देखिए।
हसन जिया ने पढ़ा-सब को अल्लाह देता है सच है मगर, ये भी सच है बदौलत है सरकार की। डॉ.जमशेद कमाल ने कुछ यूं पढ़ा-गुनाह करने की हिम्मत में कर नहीं सकता, मुझे यकीं है कि सरकार की निगाह में हूं। हसन इमाम ने कहा-नात लिखने का सलीका दे दिया, मेरे आका की करम फरमाइयां। नासिर अजीज ने पढ़ा-लौटकर गम खुशी से चला जाएगा, विरद सल्ले अला का किया कीजिए। कमाल हैदर ने कहा-मुझको मेरे हुजूर ने क्या-क्या नहीं दिया, इल्मों हुनर दिया मुझे जौके सफा दिया। मुबारक अमरोहवी ने पढ़ा-मरहबा मुस्तफा की आमद है, इन्तेखाबे खुदा की आमद है।
इनके अलावा रिजवान अमरोहवी, अजहर शहाब, आरिज मिर्जा, जावेद अहमद, नाजिश मुस्तफा, अजहर शहाब वगैरह ने भी कलाम पेश किया। आखिर में कन्वीनर मास्टर असलम उस्मानी ने सभी शुक्रिया अदा किया। अध्यक्षता डॉ.जफर महमूद व संचालन असलम उस्मानी व शीबान कादरी ने संयुक्त रूप से किया।
इस मौके पर इकबाल खां, चंदन नकवी, कौसर अब्बासी, सरताज मंसूरी, नसीम अहमद खां, खुर्शीद हैदर जैदी, नईम उल हक, खुश्तर मिर्जा, विलायत अली, आलमगीर सैफी, जुबैर अहमद, मोबीन अहमद, मेहरबान सैफी, नदीम अहमद, इकबाल खां व शबाबुल हक चंदा मौजूद रहे।