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बाढ़ को लेकर अलर्ट, बिजनौर बैराज से छूटा 1.10 लाख क्यूसेक पानी

गजरौला बिजनौर बैराज से गंगा नदी में एक लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाते ही जिले में अलर्ट घोषित कर दिया है।

By JagranEdited By: Published: Thu, 30 Jul 2020 11:51 PM (IST)Updated: Fri, 31 Jul 2020 06:07 AM (IST)
बाढ़ को लेकर अलर्ट, बिजनौर बैराज से छूटा 1.10 लाख क्यूसेक पानी
बाढ़ को लेकर अलर्ट, बिजनौर बैराज से छूटा 1.10 लाख क्यूसेक पानी

गजरौला : बिजनौर बैराज से गंगा नदी में एक लाख 10 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाते ही जिले में एलर्ट घोषित कर दिया गया है। इससे अमरोहा की मंडी धनौरा व हसनपुर तहसील क्षेत्रों के गंगा से सटे कई गांवों में बाढ़ के दस्तक देने का खतरा उत्पन्न हो गया है। दोपहर बाद से देर रात तक गंगा व उसके संपर्क वाली नहरों में पानी तेजी से बढ़ रहा था। वहीं समीप के खेतों में भी पानी के रुख करने से बाढ़ के हालात नजर आने लगे हैं।

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बाढ़ नियंत्रण खंड मुरादाबाद के एक्सईएन मनोज कुमार ने सुबह में प्रशासन को बिजनौर बैराज से गंगा नदी में एक लाख 10 हजार 521 क्यूसेक पानी छोडे जाने का मैसेज दिया तो हड़कंप मच गया। चूंकि इस सीजन में इतनी मात्रा में पहली बार पानी छोड़ने का मतलब बाढ़ का दस्तक देना है। प्रशासन ने मंडी धनौरा व हसनपुर तहसील प्रशासन को अवगत कराते हुए विशेष सतर्कता बरतने के निर्देश जारी किए। इधर दोपहर से गंगा का जलस्तर भी तेजी से बढ़ना चालू हो गया, जो देर रात तक वृद्धि की ओर ही था। गंगा की गेज तिगरी में 200.00 को पार कर गई थी। हालांकि सुबह में 199.90 रिकार्ड की थी। वहीं जलस्तर बढ़ने पर पानी तिगरी में घाट के ऊपर चढ़ने लगा। रामगंगा पोषक नहर में पानी बढ़ने से दारानगर, अलीनगर, जाटोवाली, ढाकोवाली, शीशोवाली समेत अनेक गांवों के खेतों में पानी घुसने लगा था। बिजनौर बैराज से एक लाख क्यूसेक के लगभग पानी छोडा गया है। इससे मंडी धनौरा व हसनपुर तहसील को अवगत कराते हुए अलर्ट कर दिया है। गंगा का जलस्तर बढ़ सकता है, लेकिन इससे घबराने वाली कोई बात नहीं है। आबादी वाले क्षेत्रों को पानी टच नहीं करेगा। खेतों में फैल सकता है। फिर भी प्रशासन की पूरी तैयारी है।

विनय कुमार सिंह, एडीएम, अमरोहा। अलर्ट के बाद तिगरी बाढ़ चौकी पर लटका रहा ताला

गजरौला : बिजनौर बैराज से एक लाख 10 हजार क्यूसेक से अधिक पानी छोड़े जाने की बाढ़ नियंत्रण खंड़ से सूचना मिलती ही प्रशासन ने सभी को अलर्ट कर दिया। इसके बाद भी तिगरी ग्रीन हट पर ताला लटका रहा। हालांकि यहां मानसून के सीजन में बाढ़ चौकी बनाई जाती है। उस पर बाढ़ खंड के अधिकारियों के साथ पुलिस की भी डयूटी रहती है। यहां गंगा के घटते-बढ़ते जलस्तर की सूचना जिला स्तर पर देने को वायरलैस सिस्टम भी लगाया जाता है, लेकिन गुरुवार की दोपहर दो बजे यहां ताला लटका था। जेई प्रदीप कुमार ने खुद की उपस्थिति पपसरा तटबंध पर होना बताते हुए कहा कि वह अभी तिगरी से गंगा के जलस्तर का जायजा लेने पहुंचे हैं।


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