तिगरी पर गंगा उफनाई, गांवों में घुसा पानी
गजरौला बिजनौर बैराज से छोड़े गए दो लाख 70 हजार क्यूसेक पानी का असर तिगरी पर गंगा में दिखने लगा।
गजरौला : बिजनौर बैराज से छोड़े गए दो लाख 70 हजार क्यूसेक पानी का असर तिगरी पर गंगा में देखने को मिलने लगा है। गंगा न सिर्फ उफान पर पहुंची बल्कि किनारे पर बसे गांवों में एक बार फिर से पानी घुस गया। तिगरी में पुरोहितों की झोपड़ियां बह गईं और खेत भी पानी से लबालब हो गए।
15 अक्टूबर तक तिगरी गंगा का जलस्तर सामान्य था। बाढ़ खंड विभाग ने भी रिपोर्ट लेने का सिलसिला बंद कर दिया था लेकिन, 17 व 18 अक्टूबर को हुई मूसलाधार बारिश के बाद मैदानी क्षेत्र की गंगा व अन्य नदियों में एक बार फिर से बाढ़ जैसे हालात बन गए। पहाड़ी क्षेत्र में भारी बारिश होने से वहां के जलाशय उफना गए। इसी क्रम में मंगलवार को बिजनौर बैराज से गंगा में एक लाख 20 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया था जो, यहां पर रात करीब 11 बजे पहुंचा तो गंगा उफान पर आ गईं।
बुधवार की सुबह फिर दो लाख 70 हजार क्यूसेक पानी छोड़े जाने से गंगा का दायरा बढ़ गया। इससे कटान की स्थिति उत्पन्न हो गई। इतना ही नहीं गंगा किनारे बसे गांव शीशो वाली, ढाकोवाली, दारानगर, मंदिर वाली भुड्डी, विसावली समेत आधा दर्जन गांव में एक बार फिर से पानी घुस गया। अचानक बढ़ी इन मुसीबतों से खादर इलाके के ग्रामीणों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। तिगरी में भी पुरोहितों की झोपड़ियां जलमग्न होकर बहने लगीं। उन्होंने रात में ही अपने सामान को सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। खादर के गांवों में पानी खेतों में भर गया। रास्ते भी पूरी तरह से डूब गए। इससे काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। तिगरी में गंगा के जलस्तर पर एक नजर गंगा के खतरे का निशान--202.00
तिगरी गंगा का गेज--200.10
बिजनौर बैराज से छोड़ा गया पानी--270000 क्यूसेक
पहाड़ी इलाकों में रिकार्ड तोड़ बारिश से बिजनौर बैराज के डैम भी उफान पर पहुंच गए। इसके चलते वहां से भारी मात्रा में पानी छोड़ा जा रहा है। इससे तिगरी गंगा के जलस्तर में इजाफा हुआ है। खादर के गांवों में अलर्ट जारी कर दिया गया है। बुधवार की रात को गंगा का जलस्तर और बढ़ेगा। उसके बाद पानी उतरना शुरू हो जाएगा।
रामलाल सिंह, एसडीओ, बाढ़ खंड विभाग।