चीनी मिलों की सहायक यूनिटों पर ताले ठोकेगी भाकियू
अमरोहा भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने स्पष्ट कहा है बकाया गन्ना का भुगतान नहीं किया गया तो आंदोलन होगा।
अमरोहा : भारतीय किसान यूनियन अराजनैतिक ने स्पष्ट कहा है बकाया गन्ना का भुगतान नहीं किया गया तो किसान चीनी मिलों की सहायक यूनिटों पर तालाबंदी करेंगे। 21 नवंबर को कपासी में महापंचायत कर आंदोलन को रणनीति तय की जाएगी।
बुधवार की दोपहर 12 बजे जिलाध्यक्ष रामपाल सिंह के नेतृत्व में किसान कलक्ट्रेट परिसर पहुंचे। जिलाधिकारी उमेश मिश्र को ज्ञापन सौंपते हुए कहा पिछले साल का बकाया गन्ना भुगतान नहीं होने से किसानों के सामने आर्थिक संकटहै। गन्ने का मूल्य 450 रुपये जल्द घोषित किया जाए। गेहूं की बुवाई का समय शुरू हो गया है। इसलिए 14 घंटे बिजली की सप्लाई दी जाए। गेहूं बुवाई के लिए अच्छे गुणवत्ता के बीज उपलब्ध कराए जाएं। पीएम सम्मान निधि का लाभ 40 फीसद किसानों को अभी तक नहीं मिला है।
जिलाध्यक्ष ने कहा कि गन्ना भुगतान नहीं हुआ तो भाकियू चीनी मिलों की सहायक यूनिटों पर तालाबंदी करेगी। हालांकि डीएम ने मसले में कार्रवाई का भरोसा किसानों को दिलाया है।
इस दौरान चौधरी उम्मेद सिंह, विजयपाल सिंह, सुभाष, महेश ठाकुर, टीटू सिंह, आलोक, अशोक, सोवीर, यशपाल सिंह, नरेंद्र सिंह, काले सिंह, योगेंद्र सिंह, योगेश राणा, राजवीर सिंह, महावीर सिंह, जसपाल सिंह, मनोज कुमार, भीषम सिंह, इंतजार खां, राम सिंह, राजेंद्र सिंह, विजेंद्र शर्मा आदि मौजूद थे।
नौगावां तहसील में धरना-प्रदर्शन कर एसडीएम को सौंपा ज्ञापन
जागरण संवाददाता, अमरोहा: गन्ना मूल्य घोषित नहीं होने और चीनी मिलों द्वारा बकाया गन्ना भुगतान नहीं करने से गुस्साए भारतीय किसान यूनियन असली के कार्यकर्ताओं ने बुधवार को नौगावां सादात तहसील परिसर में धरना देकर प्रदर्शन किया। समस्याओं का समाधान नहीं होने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
तयशुदा कार्यक्रम के तहत सुबह दस बजे से किसान तहसील परिसर में जमा हुए और धरने पर बैठ गए। वक्ताओं ने कहा पिछले साल का गन्ना भुगतान अभी तक चीनी मिलों द्वारा नहीं किया गया है। 200 करोड़ से अधिक का बकाया मिलों पर है। इसके अलावा सरकार ने अभी तक गन्ने का मूल्य घोषित नहीं किया है। 450 रुपये मूल्य इस बार घोषित होना चाहिए। गन्ना क्रय केंद्रों पर घटतौली की जा रही है। जिसे रोकने के लिए गन्ना विभाग द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। किसान विरोधी कानून भी वापस नहीं लिए गए हैं।
किसानों ने मांगों के पूरा नहीं होने पर प्रदेश भर में आंदोलन के लिए चेताया है। इसके बाद किसानों ने मुख्यमंत्री के नाम संबोधित ज्ञापन एसडीएम को सौंपा। इस दौरान खचेडू सिंह चौहान, कलुआ खां, हेमेंद्र सिंह, अंकित, राम सिंह, कृष्ण कुमार, हरज्ञान सिंह, नत्थू सिंह, कैलाश त्यागी, वकील अहमद, देशराज सिंह आदि मौजूद रहे।