एनपीके खाद खरीदने के लिए किसानों को ढीली करनी पड़ेगी जेब, प्रति बैग 50 रुपये देने होंगे ज्यादा
सहकारिता विभाग ने 50 किलो के एनपीके खाद के दाम 50 रुपये बढ़ा दिए हैं, जिसके चलते किसानों को अब 1850 की जगह 1900 रुपये प्रति बैग देने होंगे। फुटकर विक्रेता इसे 1950 रुपये तक बेच सकेंगे। पुराना स्टॉक पुरानी दर पर मिलेगा। कृषि विभाग ने किसानों से प्रिंटेड रेट की जांच करने और अनियमितता की शिकायत दर्ज कराने का आग्रह किया है। इससे किसानों की जेब पर असर पड़ने वाला है, खासकर रबी फसल की बोआई सीजन में।
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जागरण संवाददाता, अमरोहा। सहकारिता विभाग ने एनपीके खाद महंगा कर दिया है। 50 रुपये उस पर बढ़ा दिए हैं। जिसका असर किसानों की जेब पर पड़ेगा। उसको खरीदने के लिए किसानों को अपनी जेब ढीली करनी पड़ेगी। पुराना स्टाक पुरानी दर पर बेचा जाएगा जबकि, नया नई दर पर बिकेगा। कृषि विभाग ने सभी फुटकर खाद विक्रेताओं व समितियाें के सचिवों को नए आदेश से अवगत करा दिया है। साथ ही किसानों से भी अपील की है कि वह खाद के बैग प्रिंंट रेट अवश्य देखें। यदि कोई अधिक रुपये वसूल रहा है तो उसकी शिकायत दर्ज कराएं।
किसानों को एनपीके खाद का 50 किलोग्राम का एक बैग 1850 रुपये में वितरित किया जा रहा था। फुटकर खाद विक्रेता उसको 1900 रुपये में बेच रहे थे। लेकिन, अब सहकारिता विभाग ने उसकी दर को बढ़ा दिया गया है। इस संबंध में अपर आयुक्त एवं अपर निबंधक सहकारिता दीपक सिंह का आदेश सहकारिता व कृषि विभाग को प्राप्त हो गया है। जिसमें इफ्काे कंपनी के एनपीके खाद के 50 किलोग्राम बैग पर 50 रुपये बढ़ाए गए हैं।
अब एनपीके खाद का नया बैग 1900 रुपये में मिलेगा जबकि, फुटकर विक्रेता उसको 1950 रुपये में बेच सकेंगे। जिला कृषि अधिकारी मनोज तोमर ने बताया कि समितियों व फुटकर खाद की दुकानों पर जो पुराना स्टाक रखा है, वह पुरानी दर पर ही बिकेगा। किसान बैग पर अंकित दर को अवश्य देखें। यदि कोई प्रिंंट रेट से ज्यादा धनराशि वसूल रहा है तो उसकी शिकायत करें ताकि, संबंधित पर कार्रवाई की जा सके।
जिले में पर्याप्त खाद, किसानों को नहीं होगी परेशानी
गत मंगलवार को एनपीके खाद की 9840 क्विंटल की रैक जनपद को मिली थी। जिसका अधिकारियों ने 40 सहकारी समितियों को तुरंत लदान करा दिया। अन्य पांच पर बुधवार को खाद भेजा गया। इस समय जिले में यूरिया 161090 क्विंटल, डीएपी की 34840 क्विंटल व एनपीके खाद 44920 क्विंटल मौजूद है।
किसानों को रबी की फसल की बोआई में किसी तरह की दिक्कत नहीं होगी। डीएओ ने उर्वरक विक्रेताओं को निर्देश दिए कि वह जोत के आकार और फसल की संस्तुति के अनुसार ही खाद का विक्रय करें। कोई भी अनियमितता बर्दाश्त नहीं होगी।

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