देश में गरीबी दूर करने के तरीके बताएगा किसान का बेटा
आसिफ अलीे, अमरोहा: खुद मध्यम वर्गीय परिवार से हैं, गरीबी क्या होती है बेहद करीब से देखा ह
आसिफ अलीे, अमरोहा: खुद मध्यम वर्गीय परिवार से हैं, गरीबी क्या होती है बेहद करीब से देखा है। पिता खेती-किसानी के साथ ही दूध बेचने का काम करते हैं। इन हालात से गुजर कर जाने वाले अब्दुल कादिर को दो वक्त की भरपेट रोटी व गरीबी की अहमियत अच्छी तरह से मालूम है। अब उन्हें ऐसा मौका मिला है कि वह दुनिया को बताएंगे कि किस तरह से गरीबी दूर की जा सकती है तथा श्रमिकों को उनके अधिकार कैसे दिलाए जा सकते हैं। इसके लिए वह जून में लंदन में होने वाले अंतर राष्ट्रीय विधिवेत्ता समिति के अधिवेशन में भाग लेंगे। समिति ने उन्हें विशेष सदस्य के तौर पर नियुक्त किया है। इस उपलब्धि से परिवार में खुशी का माहौल है।
जिले के जोया ब्लाक क्षेत्र के गांव असगरीपुर में हाजी सादिक का परिवार रहता है। हाजी सादिक पेशे से दूधिया हैं तथा खेतीबाड़ी भी करते हैं। इस मध्यवर्गीय परिवार में जन्मे अब्दुल कादिर पाशा ने गांव के ही प्राइमरी स्कूल से प्राथमिक शिक्षा ग्रहण की। उसके बाद तुर्की इंटर कालेज पलौला से 12वीं की परीक्षा पास की। माता-पिता ने तीन बेटियों सलमा खातून, शबनम व गुले फिरदौस के साथ ही इकलौते बेटे अब्दुल कादिर पाशा को पढ़ाने-लिखाने में कोई कसर बाकी नहीं छोड़ी। 12वीं की परीक्षा पास करने के बाद कादिर ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में दाखिला ले लिया। अब कादिर वहां पर विधि विभाग के एसोसिएट प्रोफेसर एवं लॉ सोसाइटी के इंचार्ज डॉ. मोहम्मद तारिक के निर्देशन में भारत में खाद्य सुरक्षा कानून समस्या तथा समाधान विषय पर अपना शोध कार्य कर रहे हैं। जबकि जनवरी 2018 में ही इंडियन कॉउंसिल ऑफ सोशल साइंस रिसर्च ने भी उनके शोध कार्य को फेलोशिप प्रदान की है जबकि उन्होंने केंद्रीय श्रम सेवा (संघ लोक सेवा आयोग) की लिखित परीक्षा की पास कर ली है। साक्षात्कार होना शेष है। अब कादिर पाशा को अंतर राष्ट्रीय विधिवेत्ता समिति लंदन में विशेष सदस्य नियुक्त किया गया है। पांच दिन पहले समिति की निदेशक साराह जे मार्चिंगटन एवं समिति के अध्यक्ष डॉ. अदिश कुमार ने उन्हें नियुक्ति पत्र सौंपा है। बता दें कि यह समिति हर साल अपना वार्षिक अधिवेशन लंदन स्थित कार्यालय में करती है। इस समिति से दुनियाभर के 76 देशों के लोग जुड़े हुए हैं। इस बारे में अब्दुल कादिर पाशा ने बताया कि 17-18 मार्च को देहली में समिति का अधिवेशन होगा। उसके बाद जून में लंदन में होने वाले अधिवेशन में शिरकत होगी। जिसमें गरीबी दूर करने व श्रमिकों को उनके कानूनी अधिकार दिलाने पर अपना पक्ष रखेंगे। साथ ही विश्वभर के अन्य देशों के प्रतिनिधियों की राय व वहां के प्रयासों को देख कर अपने देश में भी उन्हें लागू कर गरीबी उन्मूलन पर काम करने की सिफारिश की जाएगी। इस उपलब्धि से उनके परिवार में खुशी का माहौल बना हुआ है।