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मीनू हों या रूमा, थाने के बाद करतीं मंदिर और मजार की ड्यूटी

महिला पुलिसकर्मी संभाल रहीं रजबपुर थाना परिसर में मौजूद धार्मिक स्थलों की।

By JagranEdited By: Published: Thu, 09 Jul 2020 11:16 PM (IST)Updated: Fri, 10 Jul 2020 06:09 AM (IST)
मीनू हों या रूमा, थाने के बाद करतीं मंदिर और मजार की ड्यूटी
मीनू हों या रूमा, थाने के बाद करतीं मंदिर और मजार की ड्यूटी

अनिल अवस्थी, अमरोहा : धार्मिक स्थलों को लेकर सामुदायिक टकराव और तनाव आम बात है। मगर अमरोहा के एक पुलिस थाने में यही धार्मिक स्थल सछ्वाव का प्रतीक माने जाते हैं। थाना परिसर में मंदिर और मजार दोनों स्थापित हैं। दोनों की साफ-सफाई की जिम्मेदारी महिला कांस्टेबल संभाले हैं। संयोग से मौजूदा समय में इस थाने में किसी मुस्लिम पुलिसकर्मी की तैनाती नहीं है। इसके बावजूद दोनों की साफ-सफाई से लेकर पूजा, इबारत एक साथ होती है। सामाजिक सद्भाव का आह्लादित करने वाला ²श्य यहां हर रोज दोहराया जाता है।

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मुरादाबाद-दिल्ली हाईवे स्थित रजबपुर कस्बा हजरत बाबा फरीदी की दरगाह के लिए जाना जाता है। हर साल यहां लगने वाले उर्स में हजारों की संख्या में जायरीन दरगाह पर हाजिरी लगाते हैं। दरगाह से कुछ ही फासले पर पुलिस थाना रजबपुर मौजूद है। थाना परिसर में मंदिर के साथ ही एक मजार स्थापित हैं। थाना परिसर में पुलिसकर्मियों के सरकारी आवास भी हैं। संयोगवश तीन-चार माह से यहां तैनाती न होने के कारण थाना परिसर में एक भी मुस्लिम पुलिसकर्मी नहीं रह रहा है। इसके बावजूद मंदिर के साथ ही प्रतिदिन मजार की सफाई और धुलाई की जाती है। इसकी जिम्मेदारी महिला पुलिसकर्मी मीनू, रूमा और सविता संभाले हैं। साफ सफाई के बाद तीनों ही दोनों धर्मस्थलों पर श्रद्धा से सिर नवाती हैं। इनमें पुलिसकर्मी मीनू का ट्रांसफर मंडी धनौरा थाने हो गया है। मगर वह आज भी रजबपुर थाना परिसर स्थित आवास में ही रह रही हैं। सुबह ड्यूटी पर निकलने से पहले व शाम को लौटने पर वह सफाई कार्य में प्रतिदिन हाथ बटाती हैं। मीनू कहती हैं कि सभी धार्मिक स्थल एक ही हैं, बस उन्हें देखने का नजरिया अलग-अलग है। संदेश देती हैं कि हमें एक-दूसरे के धर्म और धार्मिक भावनाओं का आदर करना चाहिए, तभी आपसी वैमनस्यता की दीवार टूटेगी। कुल मिलाकर इस थाने में मौजूद मंदिर और मजार की साफ-सफाई की व्यवस्था हिदू पुलिसकर्मियों द्वारा संभाले जाने पर लोग धार्मिक सछ्वाव को लेकर इसकी मिसाल देते हैं। प्रभारी निरीक्षक सतीश यादव कहते हैं कि थाने में मौजूद मंदिर और मस्जिद में प्रतिदिन समान भाव से साफ-सफाई होती है। बताया कि इसके लिए किसी से कहा नहीं गया है बल्कि, तीनों महिला पुलिसकर्मी खुद ही ड्यूटी जाने से पहले व लौटने के बाद यह जिम्मेदारी संभालती हैं। खेड़ा महाराजा विक्रमाजीत के नाम पर दर्ज थी जमीन

अमरोहा : हजरत बाबा फरीदी दरगाह के सज्जादानशीं हाजी ख्वाजा राशिद फरीदी ने बताया कि जिस जगह पर रजबपुर थाना बना है वह जगह भूलेखों में खेड़ा महाराजा विक्रमाजीत के नाम पर दर्ज थी। यहां पर पहले टीला था, मजार भी मौजूद थी। चकबंदी में यह जगह थाने के नाम पर चली गई। बताया कि थाना परिसर में मौजूद मजार की बड़ी मान्यता है। बाद में थाने में मंदिर का भी निर्माण हो गया। श्रद्धालु दोनों स्थलों पर समान भाव से सिर नवाते हैं। पुलिसकर्मी भी बिना किसी भेदभाव के दोनों धार्मिक स्थलों की साफ-सफाई आदि इंतजाम करते हैं। वर्जन-

-- रजबपुर थाना परिसर में मंदिर और मस्जिद आपसी सौहार्द की मिसाल पेश करते हैं। महिला पुलिसकर्मी भी स्वेच्छा व समान भाव से दोनों स्थलों की साफ सफाई करती हैं, यह एक प्रेरक संदेश देने वाला कार्य है। अन्य लोगों को भी एक-दूसरे की धार्मिक भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। डॉ. विपिन ताडा, पुलिस अधीक्षक


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