लॉकडाउन में बढ़े साइबर अपराध, मदद के नाम पर लगा रहे चूना
अमरोहा लॉकडाउन के बाद साइबर अपराध की वारदात भी बढ़ गई हैं।
अमरोहा : लॉकडाउन के बाद साइबर अपराध की वारदात भी बढ़ गई हैं। खास बात यह है कि साइबर अपराधियों ने ठगी का तरीका बदल दिया है। पहले वह ईनाम का लालच देकर या एटीएम बंद होने का डर दिखाकर लोगों के एकाउंट से धनराशि साफ कर रहे थे, अब वह कोरोना काल में सरकारी मदद का लालच देकर बैंक एकाउंट का ब्योरा ले रहे हैं। इसके बाद एकाउंट एक्सेस कर रकम उड़ा रहे हैं।
समय के हिसाब से साइबर अपराधी व ठग भी अपराध के तरीके बदल रहे हैं। ये लोगों को थोड़ी देर बात करके आसानी से अपने चंगुल में फंसा रहे हैं। ताज्जूब की बात यह है कि कई शिक्षित लोग भी इनके शिकार बन चुके हैं। लॉकडाउन से पहले साइबर अपराधी एटीएम ब्लाक होने का झांसा देकर एकाउंट का ब्योरा जुटा लेते थे, इसके बाद एकाउंट से रकम साफ कर रहे थे, मगर लॉकडाउन के बाद वह सरकारी मदद के नाम पर चूना लगा रहे हैं।
अप्रैल से जून माह के बीच जिले के 65 लोगों को वह कई लाख का लोगों को चूना लगा चुके हैं। हालांकि ठगी का अहसास होने के बाद जो लोग तत्काल पुलिस तक पहुंच गए उनमें से कुछ लोगों की रकम वापस भी हो गई। मगर अधिकांश लोगों ने सूचना देने में देर कर दी। इसके चलते वह अपनी रकम गंवा बैठे। इस तरह फोन कर ले रहे झांसे में-
1- लॉकडाउन में सरकार की ओर से आर्थिक मदद का लालच देकर जुटा लेते हैं बैंक खाते का ब्योरा।
2- फेसबुक आइडी हैक कर दोस्त व रिश्तेदारों से मांग लेते हैं रकम।
3- फर्जी इंस्टाग्राम आइडी बनाकर भी फंसा रहे चंगुल में।
4- दोस्त बनकर फोन करके अपने आपको मुसीबत में फंसा बताकर अपने एकाउंट में पैसे ट्रांसफर करा लेते हैं।
5- फेसबुक, ओएलएक्स व अन्य सोशल साइट्स पर वाहन का फोटो दिखाकर बेचने के नाम पर भी कर रहे ठगी। छह माह में वापस कराए 6.10 लाख रुपये
अमरोहा : ठगी का अहसास होते ही जिन लोगों ने एसपी के नियंत्रणाधीन साइबर सेल में शिकायत दर्ज करा दी, उनके मामलों में पुलिस सक्रिय हो गई। जिस एकाउंट में रकम ट्रांसफर हुई थी, उस बैंक से संपर्क कर रकम निकालने पर रोक लगा दी गई। बाद में अन्य औपचारिकताएं पूरी कर पुलिस ने खाते से रकम वापस मंगा ली। जनवरी से मार्च तक ठगे गए 3.45 लाख व अप्रैल से जून तक 2.65 लाख रुपये साइबर सेल ने पीड़ितों को वापस कराए हैं। साइबर ठगों से बचाव का एकमात्र तरीका सतर्कता व जागरूकता है। आप किसी से भी अपने बैंक खाते की जानकारी न शेयर करें। आपसे आपका परिचित भी फोन पर पैसे मांग रहा है तो उसके दूसरे मोबाइल नंबर पर कंफर्म करने के बाद ही रुपये दें। इसके बावजूद अगर आप ठगी का शिकार हो जाते हैं तो तत्काल इसकी सूचना नजदीकी थाने या साइबर सेल में दें। डॉ. विपिन ताडा, पुलिस अधीक्षक