अरविद के नाम से गौरवान्वित है गांव का बच्चा-बच्चा
कारगिल युद्ध को बीस वर्ष पूरे हो चुके हैं। इसी युद्ध में दुश्मनों को धूल चटाते हुए मिलक छावी का जांबाज अरविद भी शहीद हो गया था। अरविद की शहादत का किस्सा गांव में बच्चे-बच्चे की जुबान पर है। पूरा गांव आज भी शहीद के नाम पर गौरवान्वित है। वहीं अरविद के माता-पिता भी बेटे की जांबाजी पर नम आंखों से फº महसूस करते हैं।
अमरोहा : कारगिल युद्ध को बीस वर्ष पूरे हो चुके हैं। इस युद्ध में दुश्मनों को धूल चटाते हुए मिलक छावी के जांबाज अरविद भी शहीद हुए थे। अरविद की शहादत का किस्सा गांव में बच्चे-बच्चे की जुबान पर है। पूरा गांव आज भी शहीद के नाम पर गौरवान्वित है। वहीं अरविद के माता-पिता भी बेटे की जांबाजी पर नम आंखों से फº महसूस करते हैं। अमरोहा के थाना देहात क्षेत्र का गांव मिलक छावी अरविद सिंह की शहादत के लिए जाना जाता है। शुक्रवार को प्रतिवर्ष की भांति इस बार भी दैनिक जागरण की टीम ने एक दीया शहीदों के नाम आयोजन के तहत दीपावली से पूर्व अरविद की प्रतिमा रोशन करने उनके गांव में दस्तक दी। वर्ष 1999 में कारगिल में हुए युद्ध में वीरगति को प्राप्त अरविद सिंह की प्रतिमा पर जब दीप प्रज्ज्वलित किए गए तो हर किसी का शीश श्रद्धा से झुक गया। अरविद के माता-पिता के साथ ही ग्रामीणों ने उनकी प्रतिमा पर नमन किया। इस दौरान शहीद अरविद की यादें एक बार फिर रोशन हो गईं। अरविद के पिता मुख्तार सिंह ने बताया कि वर्ष 1996 में अरविद का चयन सेना में हुआ था। उसे शुरू से ही देश सेवा की धुन सवार थी। ट्रेनिग पूरी होने के बाद उसकी तैनाती जम्मू-काश्मीर क्षेत्र में हो गई। नौकरी के ढाई साल ही गुजरे थे कि कारगिल युद्ध शुरू हो गया। इसकी भनक लगते ही अरविद भी इसमें हिस्सा लेने सबसे आगे पहुंच गया। अरविद की मां चंद्रवती ने बताया कि इस युद्ध को लेकर परिजन ही नहीं बल्कि पूरा गांव चितित था। युद्ध के दौरान मौका मिलते ही अरविद का फोन आ जाता था। वह घर के हर सदस्य से बात करता था। प्रतिदिन युद्ध में दुश्मनों को ढेर करने के किस्से जांबाजी के साथ सुनाता था। साथ ही देश सेवा में हंसते-हंसते प्राण न्योछावर करने की बात करता था। अरविद के भाई धर्मेंद्र सिंह ने बताया कि 29 जून को अरविद की शहादत की खबर आई तो पूरा गांव फफक पड़ा था। कहा कि अरविद की शहादत पर परिवार और गांव ही नहीं बल्कि पूरा गौरवान्वित है। अरविद की शहादत के चलते ही आज उनके परिवार को सम्मान की नजरों से देखा जाता है। प्रतिवर्ष दीपावली से पूर्व अरविद की प्रतिमा पर दीप प्रज्ज्वलन कार्यक्रम के लिए ग्रामीणों ने दैनिक जागरण को भी धन्यवाद दिया। इस मौके पर शहीद के माता-पिता के अलावा मदन सिंह, विजेंद्र सिंह, नरेंद्र सिंह, बबली, खचेड़ू सिंह, रघुवीर सिंह, ओमवरी, निरंजन, डालचंद, महावीर सिंह आदि लोग मौजूद रहे।