अमरोहा में जुगाड़ के वाहनों से होती घरेलू गैस की डिलीवरी
मऊ में हुए हादसे में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। लेकिन सच्चाई तो ये हैं एजेंसियों पर सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा जाता। यहां तक डिलीवरी के समय भी सिलेडंर आदि की लीकेज तक चेक नहीं की जाती। उपभोक्ता भी इसमें रुचि नहीं दिखाते हैं। यही नहीं घरेलू गैस की डिलीवरी को जुगाड़ के वाहनों का बखूबी इस्तेमाल किया जा रहा है। इस ओर भी अफसरों का कोई ध्यान नहीं है।
अमरोहा: मऊ में हुए हादसे में एक दर्जन से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। सच्चाई तो ये है कि एजेंसियों पर सुरक्षा मानकों का ख्याल नहीं रखा जाता। यहां तक डिलीवरी के समय भी सिलेंडर आदि की लीकेज तक चेक नहीं की जाती। उपभोक्ता भी इसमें रुचि नहीं दिखाते हैं। यही नहीं घरेलू गैस की डिलीवरी जुगाड़ के वाहनों से कराई जाती है। इस ओर भी अफसरों का कोई ध्यान नहीं है। दैनिक जागरण की टीम जब जोया रोड स्थित एक एजेंसी के गोदाम पर रियलटी जांचने पहुंची तो गोदाम पर मौजूद सुपरवाइजर उपभोक्ताओं को एक्सपायरी डेट देखकर सिलेंडर दे रहे थे। ग्राहकों को भी समझा रहे थे कि सिलेंडर लेते समय एक्सपायरी डेट जरूर देखें। हालांकि यहां जुगाड़ के वाहनों से घरेलू गैस सिलेंडरों की आपूर्ति हो रही थी। जब इस संबंध में उनसे पूछा गया तो वह कोई संतोषजनक उत्तर नहीं दे पाए। इसके बाद टीम जब दूसरे गोदाम पर पहुंची तो वाहन से सिलेंडर उतारे जा रहे थे। जबकि डिलीवरी मैन घरेलू गैस की आपूर्ति करके जुगाड़ के वाहनों में खाली सिलेंडर लादकर लौट रहे थे। जबकि इस तरह के वाहनों से घरेलू गैस की आपूर्ति करना आम आदमी की जिदगी से खिलवाड़ करना है। इसी गैस एजेंसी के गोदाम पर पांच-छह सिलेंडर ऐसे थे जिनकी एक्सपायरी डेट निकल चुकी थी। ये सिलेंडर जून-2019 में एक्सपायर हो चुके थे। सुपरवाइजर ने बताया कि ये सिलेंडर उपभोक्ताओं के यहां से वापस आए हैं। इन्हें कंपनी को वापस भेजा जा रहा है। कहा कि पहली बात तो कंपनी से एक्सपायरी डेट के सिलेंडरों की आपूर्ति नहीं होती, यदि भूलवश गोदाम तक एक्सपायरी डेट का सिलेंडर पहुंच भी गया तो उसे गोदाम पर ही रोककर कंपनी को वापस कर दिया जाता है। उपभोक्ताओं तक उसकी डिलीवरी नहीं की जाती। पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों का भी इस ओर ध्यान नहीं है। वहीं अधिकांश उपभोक्ता घरेलू गैस सिलेंडर की डिलीवरी के समय न तो लीकेज चेक करते हैं और न ही अन्य सुरक्षा संबंधी उपाय ही अपनाते हैं। फेडरेशन ऑफ एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स ऑफ इंडिया के जिला सचिव सिद्धार्थ जैन का कहना है कि उपभोक्ताओं को चाहिए कि जब भी डिलीवरी मैन आपूर्ति करने घर पहुंचे तो सबसे पहले सिलेंडर को चूल्हे पर लगवाकर उसकी लीकेज आदि चेक करा लें। यदि दिक्कत है तो उसी समय डिलीवरी मैन से समस्या का समाधान कराएं या सिलेंडर बदल लें। लेकिन अधिकांश उपभोक्ता डिलीवरी मैन को खाली सिलेंडर देकर भरा हुआ सिलेंडर रखवा लेते हैं। कभी कभी तो कई माह तक सिलेंडर ऐसे ही रखा रहता है, जब उसे चूल्हे पर लगाया जाता है तब उसकी जानकारी होती है। कभी-कभी डिलीवरी मैन भी जल्दबाजी के चक्कर में बिना सिलेंडर चेक कराए चले आते हैं। लेकिन इसके लिए उपभोक्ता को भी पूरी तरह से सक्रिय होना पड़ेगा। तभी संभावित हादसों को रोका जा सकता है। ऐसे पता करें सिलेंडर की एक्सपायरी डेट
अमरोहा: गैस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट आसानी से पता की जा सकती है। सिलेंडर पर ऊपर की तीन पट्टियों में से एक पट्टी पर तीन अंकों का एक कोड होता है। पहला अक्षर अंग्रेजी वर्णमाला के ए, बी, सी, डी में से कोई एक होता है। जबकि अगले दो नंबर साल को दर्शाते हैं। मान लीजिए किसी सिलेंडर पर ए-21 लिखा है तो इसकी एक्सपायरी डेट मार्च-2021 है। यदि बी-21 लिखा है तो एक्सपायरी डेट जून-2021 होगी। इसी तरह से सी-21 लिखा है तो इसकी एक्सपायरी डेट सितंबर-2021 है। यदि डी-21 लिखा है तो इस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट दिसंबर-2021 होगी। इसी तरह से आसनी से गैस सिलेंडर की एक्सपायरी डेट का पता कर सकते हैं। गैस लीकेज होने पर करें टोल फ्री नंबर 1906 पर शिकायत
अमरोहा: वैसे तो लीकेज संबंधी या सिलेंडर में अन्य किसी खामी होने पर उपभोक्ता की पासबुक पर अंकित फोन नंबर पर कॉल करके समस्या का समाधान कराया जा सकता है। एजेंसी का मैकेनिक एक से डेढ़ घंटा में उपभोक्ता के घर पहुंचकर समस्या का समाधान करेगा। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 1906 या 18002333555 पर कॉल करके अपनी शिकायत दर्ज कराकर समस्या का समाधान करा सकते हैं। चाहें उपभोक्ता के पास सिलेंडर इंडेन का है या भारत गैस का या फिर एचपी का। टोल फ्री नंबर सभी के लिए एक हैं और 24 घंटे काम करते हैं।
गैस लीकेज होने पर बरतें सावधानी
अमरोहा: फेडेरशन ऑफ एलपीजी डिस्ट्रीब्यूटर्स आफ इंडिया के जिला सचिव सिद्धार्थ जैन का कहना है कि गैस की गंध आने पर रसोई या कमरों के बिजली के किसी स्विच को ऑन न करें। सभी खिड़कियां व दरवाजे खोल दें। जब तक मैकेनिक एवं एजेंसी का कोई कर्मचारी नहीं पहुंचता है तो सिलेंडर को खुली स्थान पर रख दें। थोड़ी सी सावधानी से बड़ी दुर्घटना को टाला जा सकता है।