टीबी से माता- पिता और भाई की मौत, अब किशोर के पालनहार बने डीएम Amroha News
अमरोहा जेएनएन। टीबी रोग में माता-पिता के साथ भाई को खोने के बाद एक किशोर जिलाधिकारी की चौखट पर पहुंच गया। उसने अनाथ बताकर मदद की गुहार लगाई तो जिलाधिकारी द्रवित हो उठे।
अमरोहा, जेएनएन। टीबी रोग में माता-पिता के साथ भाई को खोने के बाद एक किशोर जिलाधिकारी की चौखट पर पहुंच गया। उसने अनाथ बताकर मदद की गुहार लगाई तो जिलाधिकारी द्रवित हो उठे। उसे उम्र भर संरक्षण देने का वादा कर तत्काल उसके लिए प्रोटीनयुक्त खाद्य सामग्री मंगवाई और बेहतर इलाज, आवास व शिक्षा व्यवस्था मुहैया कराने के संबंधित को निर्देश दिए।
वह परिवार में अकेला बचा है, पांच महीने से वह खुद टीबी की चपेट में है
हसनपुर तहसील के ग्राम आदमपुर निवासी 15 वर्षीय धर्मेन्द्र कुछ ग्रामीणों के साथ डीएम कार्यालय पहुंचा। जिलाधिकारी उमेश मिश्र को बताया कि उसके पिता राजेश के साथ ही मां व भाई की मौत टीबी से हो चुकी है। वह परिवार में अकेला बचा है। पांच महीने से वह खुद टीबी की चपेट में है। पिछले साल 18 अक्टूबर से लगातार रहरा चिकित्सा केन्द्र में इलाज करा रहा है। न रहने को ठीक घर है और न ही खाने की कोई व्यवस्था।
टीबी से ग्रसित मरीज को प्रोटीन की बहुत जरूरत होती है
उसका हाल सुनकर द्रवित हुए डीएम ने उसके लिये तत्काल दलिया, बोर्नवीटा, च्यवनप्राश, काले चना, सोयाबीन सहित प्रोटीन से युक्त अन्य खाद्य पदार्थ मंगाकर दिए। उचित इलाज एवं अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया। जिलाधिकारी ने बताया कि टीबी से ग्रसित मरीज को प्रोटीन की बहुत जरूरत होती है।
वजन के प्रति किलो के हिसाब से प्रतिदिन मरीज को एक ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता
वजन के प्रति किलो के हिसाब से प्रतिदिन मरीज को एक ग्राम प्रोटीन की आवश्यकता होती है। बताया इस बच्चे का वजन 35 किला. है। अत: 35 ग्राम प्रोटीन प्रतिदिन मिलना अनिवार्य है। अन्य अधिकारियों व संभ्रांत लोगों से भी अनुरोध किया है कि वह भी एक से 18 वर्ष तक के टीबी ग्रसित बच्चों व किशोरों को संरक्षण के लिए गोद लेकर इलाज कराएं। डीएम ने बताया जब तक इलाज चलेगा, तब तक इस बच्चे का पूरा ध्यान रखा जायेगा। इसके साथ ही आवास, राशन कार्ड सहित आवश्यक सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जाएंगी।