मुहल्ला छेबड़ा में जगह- जगह पसरी गंदगी
जागरण संवाददाता, अमरोहा : वार्ड एक दलित बस्ती जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार बनी हुई है। जनप्रतिनिधि बदलते रहे, लेकिन बस्ती में विकास की ब्यार के लिए तरसती रही। यही वजह है कि जगह-जगह गंदगी, सड़कें जर्जर होने के अलावा टंकियां होने के बावजूद स्वच्छ पेयजल का आभाव है। दलित अन्य सरकारी योजनाओं से भी बंचित हैं। शुक्रवार को जागरण टीम ने वार्ड नंबर एक मोहल्ला छेबड़ा में सरकार द्वारा कराए गए
अमरोहा : वार्ड एक स्थित मोहल्ला छेबड़ा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा का शिकार है। जनप्रतिनिधि बदलते रहे लेकिन यह बस्ती विकास के लिए तरसती रही। यही वजह है कि जगह-जगह गंदगी पसरी है, सड़कें जर्जर हैं व बिना पानी की टोटियां हैं। अधिकांश आबादी दलितों की है, इसके बावजूद यह मोहल्ला सरकारी योजनाओं से भी वंचित है।
शुक्रवार को जागरण आपके द्वार अभियान के तहत जागरण टीम वार्ड नंबर एक स्थित मोहल्ला छेबड़ा में पालिका द्वारा कराए गए विकास कार्यो की स्थिति जानने पहुंची। वार्ड सभासद प्रवेश ने बताया उनके वार्ड में जितने भी सभासद चुने गए किसी ने विकास कार्य नहीं कराया। इसके चलते वार्ड की सड़कें जर्जर हैं। सड़कों पर बिन बरसात के पानी भर जाता है। स्वच्छ पेयजल के लिए घर-घर पानी की टोटियां लगवा दी गई हैं। चेयरमैन को भी इस बारे में अवगत कराया जा चुका है। वह आने वाले टेंडर में बनवाने की बात कह रहे हैं। यहां रहने वालों के मुताबिक टोटियां लगने के बाद भी उनमें पानी नहीं आता है। गली की सड़कों का निर्माण भी 15 साल से नहीं हुआ है। बस्ती में मुख्य समस्या जर्जर सड़कों की है। कई बार सड़कें बनवाने की गुहार लगाई लेकिन आज तक नहीं बनी। गंदा पानी सड़कों पर रहता है।
मनोज। हमारे यहां सड़कों की स्थिति खराब तो है ही साथ ही वार्ड में कोई धर्मशाला नहीं है। वैवाहिक कार्यक्रमों को कराने में समस्या उत्पन्न होती है।
सचिन इस वार्ड से जो भी जनप्रतिनिधि चुना गया। उसने कभी ध्यान नहीं दिया। यहीं वजह है कि वार्ड के दलित सरकारी सुविधाओं के लिए तरस रहे हैं।
नरेश बस्ती में सड़क बनवाने व सफाई व्यवस्था की तो बात छोड़िए दलितों के राशन कार्ड तक नहीं बने हैं जिनके बने हुए थे वह भी काट दिए गए।
¨पकी। बरसात के दिनों में बस्ती के घरों में नालियों का गंदा पानी व सिल्ट जर्जर सड़क पर आ जाती है। बस्ती के लोगों का निकलना दूभर हो जाता है।
मितलेश। पालिका ने पेयजल उपलब्ध कराने के लिए घर-घर टोटियां लगवा दी हैं मगर पानी नहीं दे रही है। इसकी शिकायत कई बार की गई।
दौलतराम सरकार ने भले ही अन्य बस्तियों में योजनाओं का लाभ दे दिया हो लेकिन हमारी बस्ती को लाभ मिले तो जानें। अमीर लोगों को ही लाभ मिल रहा है।
छोटे ¨सह बस्ती में चुनाव के समय तो सब जनप्रतिनिधि विकास कराने के वादे करते हैं लेकिन जब वह चुन लिए जाते हैं तो सब कुछ भूल जाते है।
अनिल कुमार बस्ती में सड़कों की हालत किसी से छुपी नहीं हैं। गंदा पानी सड़कों पर भरा रहता है। सड़कें दुरुस्त हो जाएं तो कुछ समस्याओं से निजात मिल जाएगी।
प्रमोद कुमार।