Move to Jagran APP

कोर्ट के आदेश को ठेंगा, देर रात तक हुई आतिशबाजी

जागरण संवाददाता, अमरोहा : शहर में सुप्रीम कोर्ट का आदेश बेअसर दिखाई दिया। दीपावली पर देर रात दो बजे तक आतिशबाजी का जलाने का दौर चलता रहा। देर रात तक चली आतिशबाजी से निकलने वाले धुएं और जहरीली गैसों से पर्यावरण भी प्रभावित हो गया। जबकि कोर्ट की तरफ से दीपावली पूजन के बाद रात आठ बजे से दस बजे तक ही आतिशबाजी के आदेश थे।

By JagranEdited By: Published: Thu, 08 Nov 2018 11:15 PM (IST)Updated: Thu, 08 Nov 2018 11:15 PM (IST)
कोर्ट के आदेश को ठेंगा, देर रात तक हुई आतिशबाजी
कोर्ट के आदेश को ठेंगा, देर रात तक हुई आतिशबाजी

अमरोहा : पटाखे छोड़ने को लकेर सुप्रीम कोर्ट का आदेश बेअसर दिखाई दिया। दीपावली पर देर रात तक पटाखे छोड़े गए। इससे निकलने वाले धुएं और जहरीली गैसों से पर्यावरण भी प्रभावित हो गया जबकि सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पूजन के बाद रात आठ बजे से दस बजे तक ही पटाखे छोड़ने के आदेश थे। हालांकि पुलिस और प्रशासनिक अफसरों ने भी ओर ध्यान नहीं दिया।

loksabha election banner

एनसीआर के अलावा आस पास के क्षेत्रों में पर्यावरण प्रदूषण बढ़ता ही जा रहा है। इसको लेकर केंद्र एवं सुप्रीम कोर्ट ¨चतित है। दीपावली के मौके पर पर्यावरण प्रदूषित न हो। इसलिए सुप्रीम कोर्ट ने दीपावली पूजन के बाद रात आठ बजे से दस बजे तक ही पटाखे जलाने के आदेश दिए थे। जिसमें पुलिस एवं प्रशासन से कड़ाई से आदेश का पालन करने को कहा गया था। बावजूद इसके अमरोहा शहर में कोर्ट का आदेश बे-असर दिखाई दिखा। दीपावली पर विधि-विधान से गणेश-लक्ष्मी पूजन करने के बाद छोटे बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक पटाखे जलाने में मशगूल रहे। शहर में लगभग रात दो बजे तक पटाखे जलाने का दौर चलता रहा। इसके चलते पूरा शहर पटाखों की आवाज से गूंजता रहा। देर रात तक चली पटाखे छोड़ने से निकलने वाले धुंए के रुप में जहरीली गैसों से पर्यावरण बुरी तरह से प्रभावित हो गया जिससे वायुमंडल में सांस लेना भी दूभर हो गया था। पुलिस प्रशासन की ओर से भी किसी के खिलाफ कोई कार्रवाई करने की सूचना नहीं है। फिलहाल कोर्ट के आदेश का असर जिलेभर में कहीं भी दिखाई नहीं दिया। - सरकार एवं कोर्ट वायु मंडलम में बढ़ते प्रदूषण को लेकर ¨चतित है। इसके नियंत्रण करने लिए कोर्ट ने दीपावली पर महज दो घंटे की पटाखे छोड़ने के आदेश दिए थे। हमें भी आदेश का पालन करना चाहिए था। इसका असर पर्यावरण पर तो पड़ा ही साथ ही पटाखों से निकलने वाली जहरीली गैसों से बीमारियां भी फैलने की संभावना बन गई है।

- डॉ.सुधांश शर्मा, प्राचार्य

जेएस पीजी कालेज, अमरोहा। -- आतिशबाजी से लगभग 50 फीसद पर्यावरण प्रदूषित हो गया। यह शहरवासियों के लिए खतरनाक है। दिल्ली का तो बुरा हाल है। पढ़े लिखे लोग अभी भी नहीं समझते। देर रात तक चली आतिशबाजी से जहरीली गैसे निकलने से वातावरण प्रदूषित हो गया। इसके अलावा तेज आवाज और धुंआ निकलने वाले पटाखों का अब चलन ज्यादा है। जिससे वायुमंडल में जहरीली गैसें घुल रही हैं। -- डॉ.संजय शाह, पर्यावरणविद।

--सुप्रीम कोर्ट बढ़ते प्रदूषण को लेकर ¨चतित है और वातावरण को प्रदूषण से मुक्त कराने के लिए प्रयासरत है। दीपावली पर पटाखों से निकलने वाले धुएं से हानिकारक गैसें निकलने से पर्यावरण प्रदूषित हुआ है। जिसके चलते लोगों को सांस लेने में दिक्कत बनी हुई है। सांस के मरीजों को खासा दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। पर्यावरण की सुरक्षा को हमें जगह-जगह पेड़ पौधे लगाने की भी आवश्यकता है।-- डॉ.दिनेश खत्री, एसीएमओ।


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.