किसान को धक्का देकर आफिस से निकालने में फंसे सीओ चकबंदी
अमरोहा किसान को धक्का देकर आफिस से बाहर निकालने के मामले में सीओ चकबंदी रहरा व उनका स्टाफ फंस गया है।
अमरोहा : किसान को धक्का देकर आफिस से बाहर निकालने के मामले में सीओ चकबंदी रहरा व उनका स्टाफ फंस गया है। मामला संज्ञान में आने के बाद जिलाधिकारी बालकृष्ण त्रिपाठी ने जांच के निर्देश एसओसी को दिए हैं वहीं, चकबंदी आयुक्त ने सीओ का तबादला दूसरे जिले में करने को कहा है। यह एक्शन पीड़ित की मुख्यमंत्री व अफसरों से शिकायत के बाद हुआ है।
हसनपुर तहसील क्षेत्र की ग्राम पंचायत रहरा निवासी हेमराज त्यागी ने अफसरों को दिए शिकायती पत्र में कहा कि क्षेत्र में चकबंदी चल रही है। एसीओ चकबंदी रहरा ने जमीन के चक बना दिए हैं। सीओ चकबंदी चकों पर आ रही आपत्ति का निस्तारण कर रहे हैं। आरोप लगाया उसे करीब तीन माह पहले सीओ चकबंदी ने बुलाया। इसमें उन्होंने जमीन का चक तरमीम न करने के 50 हजार रुपये लिए। 8 जुलाई को उनके पेशकार ने फोन कर बुलाया। आरोप है कि वहां सीओ ने चक ठीक तरमीम करने के लिए 10 लाख रुपये मांगे। उन्होंने मना कर दिया। इस पर सीओ ने कहा आपका चक हाईवे पर है, खराब हो जाएगा। पैसे दे दो तो सब ठीक हो जाएगा। रुपये देने से इन्कार कर दिए गए 50 हजार रुपये वापस मांगे। आरोप है सीओ ने अभद्रता की। इसके बाद उन्होंने पेशकार व एक लेखपाल के साथ मिलकर धक्का देकर दफ्तर से बाहर निकाल दिया।
चकबंदी आयुक्त बीआर शास्त्री पड़ोसी जनपद सम्भल में दो दिवसीय दौरे पर आए हुए हैं। शुक्रवार को पीड़ित किसान हेमराज त्यागी ने उनसे मुलाकात की और पूरी स्थिति से उनको वाकिफ कराया। कई साल से एक ही जगह सीओ के जमा होने का राज खोला। इस पर आयुक्त ने उनको सीओ के तबादले का भरोसा दिलाया और एसओसी को निर्देशित किया। मामला संज्ञान में आया है। चकबंदी आयुक्त ने सीओ के तबादले के लिए कहा है। किसान के आरोपों की जांच कराई जाएगी। इसके लिए एसओसी को निर्देश जारी किए गए हैं। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कार्रवाई होगी।
बालकृष्ण त्रिपाठी, जिलाधिकारी।