दीपोत्सव पर रंग-विरंगी रोशनी से सराबोर हुआ शहर
जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से दीपावली का त्योहार मनाया गया। शाम ढलते ही पूरा शहर रंग-बिरंगी रोशनी के आगोश में खो गया। घर-घर विधि-विधान से गणेश-लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर महाआरती की गई। खील बताशे का भोग लगाकर परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद पटाखे छोड़ने का ऐसा सिलसिला चला जो देर रात तक चलता रहा। पटाखों की आवाज शहर में पूरी रात गूंजती रही।
अमरोहा : जिलेभर में हर्षोल्लास के साथ धूमधाम से दीपावली का त्योहार मनाया गया। शाम ढलते ही पूरा शहर रंग-बिरंगी रोशनी के आगोश में खो गया। घर-घर विधि-विधान से गणेश-लक्ष्मी की पूजा अर्चना कर महाआरती की गई। खील बताशे का भोग लगाकर परिवार में सुख-समृद्धि की कामना की। इसके बाद पटाखे छोड़ने का ऐसा सिलसिला चला, जो देर रात तक चलता रहा। पटाखों की आवाज शहर में पूरी रात गूंजती रही। रविवार की सुबह से ही वैसे तो शहर में दीपावली का असर देखने को मिला। बाजारों से जमकर करोड़ों रुपये के पटाखों की खरीदारी हुई। इसके अलावा श्री गणेश-लक्ष्मी के पूजन के लिए खील-बताशों और मिठायां भी जमकर खरीदी। शाम होते ही रंग-बिरंगी रोशन से पूरा शहर गुलजार हो गया। चौतरफा रोशनी से सराबोर इमारतों को देखकर लोग चकित हो रहे थे। हर घर और आंगन पूरी तरह से रोशनी से नहाए हुए थे। पूरे विधि विधान से परंपरा के अनुसार हर घर में पूजा स्थल पर गणेश-लक्ष्मी की प्रतिमा स्थापित कर मिट्टी के दीप जलाए गए। इसके बाद गणेश-लक्ष्मी की विधि-विधान से पूजा अर्चना के बाद आरती की गई। गणेश-लक्ष्मी को खील बताशों तथा मिठाई का भोग लगवाया गया। इसके बाद हर घर में पटाखों के छोड़ने का सिलसिला शुरु हो गया। जिसमे देर रात तक पूरा शहर पटाखों की आवाज से गूंजता रहा। इतना ही नहीं पटाखों के चक्कर में खाना-पीना भी भूल गए। दीपोत्सव की रात पूरा शहर दीयों एवं रंग-बिरंगी रोशनी से जगमगा रहा था।
शहर हुआ में करोड़ों का जुआ
शहर में दीपावली की रात पूजा अर्चना करने के बाद बहुत से स्थानों पर जुआ खेलने का सिलसिला चला। जिसमें पूरी रात जुआरियों ने हजारों से लेकर लाखों के दांव लगाए। इतना ही नहीं दीपावली पर अपना-अपना भाग्य आजमाने के लिए नये चेहरे भी सामने आए। एक के बाद एक दांव हारने के बाद घर पर कुछ नहीं बचा तो उन्होंने घर के गहने तक दांव में लगा दिए। जिसके चलते वह भी हार गए। जुए में गहने हारने के बाद घर पहुंचे। घर पर परिजनों से झगड़े तक की नौबत बन गई। इससे कुछ की दीपावली मनी तो कुछ लोगों का दीवाला निकल गया।