अकीदत के साथ मनाया जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी
अमरोहा जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी का त्योहार अकीदत व एहतराम के साथ मनाया।
अमरोहा: जश्न-ए-ईद मिलादुन्नबी का त्योहार अकीदत व एहतराम के साथ मनाया। घरों की छत पर झंडे और स्टीकर लगाए गए। लोगों ने एक दूसरे को मुबारकबाद दी। हालांकि प्रशासन की अनुमति न मिलने पर अमरोहा शहर में जुलूस-ए-मोहम्मदी नहीं निकाला जा सका। वहीं जोया में दोपहर बाद लोगों ने जुलूस निकालने की कोशिश की, लेकिन पुलिस ने अनुमति न मिलने का हवाला देकर जुलूस को रोक दिया।
12 रबी-उल-अव्वल यानि पैगंबरे इस्लाम हजरत मोहम्मद मुस्तफा (सअ) की यौमे विलादत पर मंगलवार को शहर से लेकर मुस्लिम बहुल गांवों में जश्न का माहौल रहा। फज्र की नमाज के बाद घरों में तिलावत की गई। बुजुर्गों ने बच्चों को रसूले पाक की सुन्नत पर अमल करने की तालीम दी। कहा रसूले पाक का जीवन दुनिया के लिए मिसाल है। इसके बाद लोग घरों की सफाई में जुट गए। इसके साथ ही महिलाएं घरों में लजीज पकवान बनाने में जुट गईं। दोपहर एक बजे के बाद मस्जिदों से आजान फिजा में गूंजी तो बड़ों के साथ बच्चों ने भी मस्जिद पहुंचकर नमाज अदा की। इसके बाद घरों में दावतों का सिलसिला शुरू हुआ। लोगों ने एक दूसरे के घरों में पहुंचकर मुबारकबाद दी। यह सिलसिला देर रात तक चलता रहा।
कोविड-19 के चलते शहर में निकलने वाला जुलूस-ए-मोहम्मदी इस बार भी नहीं निकाला जा सका। प्रशासन द्वारा जुलूस की अनुमति नहीं दी गई थी। परंतु बच्चों ने जुलूस की शक्ल में जगह-जगह जाकर जश्न मनाया। वहीं देहात क्षेत्र में भी जुलुसे मोहम्मदी नहीं निकाला जा सका। नौगावां सादात में भी लोगों ने घरों पर ही जश्ने ईद मिलादुन्नबी मनाया। रजबपुर में लोगों ने जश्ने ईद मिलादुन्नबी के मौके पर दुआ की। जोया में दोपहर बाद लोगों ने जुलूस निकाला, लेकिन पुलिस ने अनुमति न मिलने का हवाला देकर उसे रुकवा दिया।