टूटी निजाम की नींद, बीमार बैल को मिला इलाज
बेसहारा पशुओं के लिए आसरा बनी गोशालाओं में भी गोवंशीय पशुओं के बेसहारा होने एवं सूखा भूसा खाने से बीमार हुए बैल को इलाज न मिलने की खबर मंगलवार को दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित होने पर निजाम की नींद टूट गई।
हसनपुर : बेसहारा पशुओं के लिए आसरा बनी गोशालाओं में भी गोवंशीय पशुओं के बेसहारा होने एवं सूखा भूसा खाने से बीमार हुए बैल को इलाज न मिलने की खबर मंगलवार को दैनिक जागरण में प्रमुखता से प्रकाशित होने पर निजाम की नींद टूट गई। मंगलवार को सुबह खबर पढ़ते ही अधिकारियों में हलचल मच गई। मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी ब्रजवीर सिंह ने अधीनस्थों के साथ फूलपुर बीझलपुर स्थित गोशाला पहुंचकर बेहोश पड़े बैल का अपने सामने इलाज शुरू करा दिया है। उधर अखबार में खबर प्रकाशित होने पर अधिकारियों की गोशाला की तरफ कदमताल बढ़ती देखकर ग्राम प्रधान नेमवती के बेटे मनोज कुमार ने गोशाला में बंधे पशुओं के लिए आनन फानन में हरे चारे की व्यवस्था कराकर पशुओं को हरे चारे की कुटटी डलवा दी है। गोशाला के चौकीदार से लेकर डयूटी पर लगे सफाई कर्मी तक मंगलवार को पूरे दिन गोशाला पर अलर्ट रहे। उल्लेखनीय है कि सोमवार को दैनिक जागरण की टीम ने गोशाला पर पहुंचकर पशुओं का हाल जाना था। गोशाला में 34 पशु बंधे हुए थे। कवरेज करने के दौरान पशुओं की देखभाल करने वाला कोई मौजूद नहीं था। चारा खाने की खुल्ली में सूखा भूसा पड़ा था। भूख से बेताब पशु इधर उधर देख रहे थे। एक बैल बीमारी से बेहोश पड़ा हुआ जिदगी व मौत से जूझ रहा था। उप मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डॉ नरेंद्र सिंह ने बताया कि मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ ब्रजवीर सिंह के नेतृत्व में फूलपुर बीझलपुर गोशाला में बीमार बैल का इलाज कराया गया है। अल्लीपुर खादर व मंगरौली समेत अन्य गोशालाओं में भी पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण किया गया है। होसंगपुर की गोशाला में भी पशुबीमार
गजरौला : यहां की गोशालाओं की व्यवस्थाएं भी नहीं सुधर रही हैं। पिछले दिनों एक गोशाला में गाय की मौत के बाद कुत्तों के द्वारा नोंचे जाने की बात उड़ी थी। वहीं होसंगपुर की गोशाला में अभी भी गोवंशीय पशु बीमार होने व खाने को पर्याप्त चारा नहीं मिलने की शिकायतें मिल रही हैं। हालांकि पशुचिकित्सा अधिकारी डॉ ओमवीर सिंह समय-समय पर परीक्षण का दावा कर रहे हैं।