प्रकाश वीर की मित्रता में अटल ने ढहा दी बीच की दीवार
हसनपुर : पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी यारों के यार थे। तीन बार लोकसभा व एक बार रा
हसनपुर : पूर्व प्रधानमंत्री भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी यारों के यार थे। तीन बार लोकसभा व एक बार राज्यसभा सदस्य रहे प्रकाश वीर शास्त्री की दोस्ती में उन्होंने अपने व उनके आवास के बीच खड़ी दीवार तक ढहा दी थी। देश की उन्नति में तकनीक के विकास को लेकर संजीदा रहे श्री वाजपेयी ने ही प्रकाश वीर को रहरा में इंजीनिय¨रग कालेज खोलने की सलाह दी थी। 41 वर्ष बाद आज दोनों दोस्त इस दुनिया में नहीं हैं मगर रहरा में आज भी दोनों की दोस्ती चर्चा का विषय बनी हुई है।
हसनपुर तहसील के रहरा निवासी प्रकाश वीर शास्त्री बिजनौर, गाजियाबाद व गुड़गांव से लोकसभा सदस्य रहने के बाद राज्यसभा के सदस्य भी रहे। वह पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी के खास मित्रों में से एक थे। दोनों की मित्रता जगजाहिर थी। वर्ष 1977 में दोनों दोस्त सांसद थे और दिल्ली में उन्हें सरकारी आवास भी अगल-बगल आवंटित हुए। दिन में कई बार एक-दूसरे से मिलने के लिए दोनों को ही गेट से घूमकर आना- जाना पड़ता था। इसके चलते श्री वाजपेयी ने दोनों आवास के बीच की दीवार हटवा दी थी।
प्रकाश वीर शास्त्री के रिश्ते के भतीजे रहरा निवासी आमोद कुमार त्यागी व प्रमोद कुमार त्यागी बताते हैं कि श्री शास्त्री जब भी रहरा आते थे तो अटल बिहारी के बारे में खूब चर्चा करते थे। कहते थे कि श्री वाजपेयी देश के विकास में तकनीक के महत्व को अहम मानते हैं। श्री शास्त्री ने जब अटल जी को गंगा की बाढ़ से हसनपुर क्षेत्र में खेती के नुकसान के बारे में जानकारी देते हुए विकास के बारे में राय मांगी तो उन्होंने गांव में एक इंजीनिय¨रग कालेज की स्थापना करने की सलाह दी थी। यह बात श्री शास्त्री ने अपने परिजनों के साथ ही क्षेत्र के लोगों को बताई थी।
इसके बाद प्रकाश वीर शास्त्री ने अपने पैतृक गांव रहरा में उच्च शिक्षा का दीप जलाते हुए वर्ष 1977 में इंजीनिय¨रग कालेज की बुनियाद रखी। वहीं कालेज बनने पर उसका उद्घाटन अपने मित्र अटल बिहारी से कराने की बात कही थी लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। 25 दिसंबर वर्ष 1977 को मध्य प्रदेश के रेवाड़ी में हुए एक ट्रेन हादसे में प्रकाश वीर शास्त्री का निधन हो गया। इसके बाद इंजीनिय¨रग कालेज का काम ठप हो गया। श्री शास्त्री के दोनों बेटे अमेरिका चले गए। इसके बाद श्री शास्त्री के भतीजों ने ही श्री प्रकाश वीर शास्त्री इंटर कालेज के नाम से रहरा में इंटर कालेज खोल दिया। इस कालेज का संचालन भी आमोद कुमार त्यागी कर रहे हैं।
विडंबना यह रही कि अटल जी की सलाह पर रहरा में प्रस्तावित इंजीनिय¨रग कालेज श्री शास्त्री के निधन के 41 वर्ष बाद भी नहीं बन सका मगर इंटर कालेज की नींव उसी इंजीनिय¨रग कालेज के सपने के आधार पर रखी गई जिसे श्री शास्त्री ने अटल जी की सलाह पर देखा था। क्षेत्र के बुजुर्ग आज भी प्रकाश वीर शास्त्री द्वारा क्षेत्र में आने पर अटल जी के बारे में की गई बातों का बखान करते नहीं थकते हैं।