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मेघनाद-कुंभकरण का वध होते ही गूंजे जय श्री राम के नारे

जोया रामलीला महोत्सव के दसवें दिन कलाकारों द्वारा कुंभकर्ण वध मेघनाद सुलोचना सती संवाद का मंचन हुआ।

By JagranEdited By: Published: Sun, 25 Oct 2020 07:39 PM (IST)Updated: Sun, 25 Oct 2020 07:39 PM (IST)
मेघनाद-कुंभकरण का वध होते ही गूंजे जय श्री राम के नारे
मेघनाद-कुंभकरण का वध होते ही गूंजे जय श्री राम के नारे

जोया : रामलीला महोत्सव के दसवें दिन कलाकारों द्वारा कुंभकर्ण वध, मेघनाद सुलोचना सती संवाद का सजीव मंचन किया गया। इसे देख दर्शक जय श्री राम के नारे लगाने लगे। वहीं पतेई खालसा में भी कुंभकरण वध, सुलोचना सती संवाद का मंचन हुआ।

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डिडौली में श्री आदर्श रामलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित रामलीला महोत्सव में लक्ष्मण के फिर से जीवित होने के बाद युद्ध के लिए कुंभकरण आते हैं। वह प्रभु श्रीराम के हाथों मारे जाते हैं। इसके बाद मेघनाद भी लक्ष्मण के हाथों मारे गए। अहिरावण,राम व लक्ष्मण को चुराकर ले जाते हैं। हनुमानजी पाताल लोक से अहिरावण को मारकर राम लक्ष्मण को वापस लाते हैं। यह देख दर्शकों ने जय श्री राम के नारे लगाए।

इस दौरान समिति अध्यक्ष राकेश कुमार सिंह, विपिन कुमार, चमन सिंह, विशम्भर दयाल शर्मा, नन्हे सिंह पाल, पोपाल सिंह, जग्गन सिंह, प्रजापति, मुखराम सिंह आदि मौजूद रहे।

उधर पतेई खालसा में मथुरा से आये कथा वाचक स्वराज सौलंकी ने राम-कुंभकरण संवाद कथा का वर्णन किया। समिति अध्यक्ष बिजेन्द्र सिंह चौहान, शिवेन्द्र प्रताप सिंह, मलखान सिंह, नरेश चौहान, रामौतार सैनी, कुलबंत सिंह, योगेन्द्र गुप्ता आदि मौजूद रहे।


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