पेड़ों की पैरवी भी करते हैं वकील साहब
आसिफ अली अमरोहा जनपद न्यायालय में अधिवक्ता द्वारा पेड़ों की पैरवी। सुनने में अजीब लगता है। परंतु यह सच है। यहां पर अधिवक्ता रजनीश कुमार अपने मुकदमों के साथ-साथ पेड़ों की देखभाल भी बड़ी ही तल्लीनता के साथ करते हैं। प्रतिदिन पेड़ों की सिचाई करना गमलों में उगी घास को काटना व पौधे लगाना उनकी दिनचर्या में शामिल है। सुबह को जल्दी कचहरी पहुंच कर पौधों की देखभाल करते हैं या फिर शाम को घर जाने से पहले थोड़ा समय पेड़-पौधों के साथ गुजारते हैं। मुहल्ले में भी उन्होंने हरियाली लाने की मुहिम छेड़ रखी है।
अमरोहा : जनपद न्यायालय परिसर में अधिवक्ता द्वारा पेड़ों की पैरवी। सुनने में अजीब लगता है, परंतु यह सच है। यहां पर अधिवक्ता रजनीश कुमार अपने मुकदमों के साथ-साथ पेड़ों की देखभाल भी बड़ी ही तल्लीनता के साथ करते हैं। प्रतिदिन पेड़ों की सिचाई करना, गमलों में उगी घास को काटना व पौधे लगाना उनकी दिनचर्या में शामिल है। सुबह जल्दी कचहरी पहुंच कर पौधों की देखभाल करते हैं या फिर शाम को घर जाने से पहले थोड़ा समय पेड़-पौधों के साथ गुजारते हैं। मुहल्ले में भी उन्होंने हरियाली लाने की मुहिम छेड़ रखी है।
अमरोहा के मुहल्ला सराय कोहना निवासी रजनीश कुमार सागर पेशे से अधिवक्ता हैं। सुबह को घर से मुकदमों की पैरवी करने के लिए निकलते हैं। अमूमन अन्य अधिवक्ता कचहरी पहुंचने में दस बजे तक का समय लगा देते हैं परंतु रजनीश सुबह को नौ बजे से साढ़े नौ बजे तक चैंबर पर पहुंच जाते हैं। क्योंकि अदालती मुकदमों से पहले उन्हें कचहरी में मौजूद पेड़-पौधों की देखभाल भी करनी होती है।
पर्यावरण प्रेमी रजनीश समय से पहले कचहरी पहुंच कर अधिवक्ताओं के चैंबर परिसर में लगे पौधों की सिचाई करते हैं। पौधों के आसपास उग रही घास को काटते हैं। उन्होंने कचहरी परिसर में पौधे लगाने की शुरूआत की तो देखादेखी अन्य अधिवक्ता भी इस काम में उनके साथ आ गए। कचहरी परिसर में मौजूद लगभग पांच सौ पौधों में से लगभग दो सौ पौधे अकेले रजनीश द्वारा लगाए गए हैं। बीते पांच साल से वह पौधे लगाने के साथ ही उनकी देखभाल का काम कर रहे हैं। सुबह को समय नहीं मिलता तो शाम को काम खत्म करने के बाद थोड़ा वक्त पौधों के साथ गुजारते हैं।
अधिवक्ता रजनीश बताते हैं कि पर्यावरण प्रदूषण जिस तेजी के साथ बढ़ रहा है, उससे बचने के लिए पेड़ ही हमारी मदद करेंगे। लिहाजा लोगों को हरियाली लाने के लिए आगे आना होगा। बताते हैं कि वह केवल कचहरी में नहीं बल्कि मुहल्ले में भी पौधे रोपने के काम करते हैं तथा लोगों को प्रेरित करते हैं।