गंगा में छोड़ा 50 हजार क्यूसेक पानी, किनारे के गांवों में अलर्ट
गजरौला पहाड़ी बारिश के बाद मैदानी क्षेत्रों की गंगा व अन्य नदियों में उफान की स्थिति पैदा हो गई।
गजरौला : पहाड़ी बारिश के बाद मैदानी क्षेत्रों की गंगा व अन्य नदियों में उफान की स्थिति पैदा होने लगी है। हरिद्वार की बेली गंगा के उफान पर पहुंचने के बाद वहां के प्रशासन द्वारा कई जनपदों को अलर्ट किया गया है। इसी क्रम में बिजनौर बैराज से तिगरी गंगा में 50 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इससे यहां का जलस्तर भी बढ़ने लगा है। बाढ़ खंड विभाग द्वारा गंगा किनारे के गांवों में अलर्ट जारी किया गया है।
बता दें लगातार पहाड़ी क्षेत्रों में बारिश का सिलसिला जारी है। इस वजह से हरिद्वार बेली गंगा उफान पर पहुंच गई है। ऐसे में वहां के प्रशासन ने अलर्ट जारी करते हुए रुड़की, बिजनौर, नरौरा, गाजियाबाद, मेरठ, बुलंदशहर, अमरोहा समेत कई जनपदों के बाढ़ खंड एवं प्रशासनिक अधिकारियों को हरिद्वार गंगा का गेज व जलस्तर बताते हुए सतर्क किया है।
हरिद्वार बैराज से बिजनौर को 64 हजार क्यूसेक पानी छोड़ा गया है। इसके बाद फिर गुरुवार को दोपहर 12 बजे तक बिजनौर बैराज से तिगरी गंगा के लिए 50 हजार क्यूसेक पानी पास किया गया। इसका असर जनपद के मंडी धनौरा, गजरौला व हसनपुर इलाकों में शुक्रवार की आधी रात से शनिवार की सुबह तक कभी भी दिख सकता है। बाढ़ के हालातों से भी जूझना पड़ सकता है। बाढ़ नियंत्रण खंड विभाग से इसका इनपुट मिलने के बाद गंगा किनारे के बाढ़ की आशंका वाले गांवों में अलर्ट जारी किया गया है। यह पानी गंगा के रास्ते अमरोहा की मंडी धनौरा, गजरौला व हसनपुर के रास्ते ही गंगा से होकर पास होगा। इसे में गजरौला के कई गांवों को बाढ़ का सामना करना पड़ सकता है।
दारानगर, शिशोवाली, जाटोवाली, भुर्जी वाली, अलीनगर, चकनवाला इत्यादि में मंदिर से मुनादी कराई गई है। दारानगर के तेजपाल, पप्पू व महेश इत्यादि ने बताया कि गांव में पानी आने का मंदिर से एनाउंस कराया गया है। खेतों पर नहीं जाने व पशुओं को ऊंचाई पर रखने को कहा गया है। बाढ़ नियंत्रण खंड मुरादाबाद के एक्सईएन मनोज कुमार ने गंगा का जलस्तर बढ़ने की आशंका जताते हुए बताया इससे एसडीएम व अन्य अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है। बिजनौर से छोड़े गए पानी का असर सुबह तक पड़ सकता है।