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दुर्घटना व प्रदूषण का सबब बन रहे जुगाड़ वाहन

फिरोज खान फुरसतगंज(अमेठी) सड़कों पर जुगाड़ से बिना माडल परमिट व बीमा के सड़कों पर दौड़ रहे बाइक ठेला जिम्मेदार भी वाहनों को चेक करने में नहीं दिखाते दिलचस्पी।

By JagranEdited By: Published: Thu, 02 Dec 2021 10:53 PM (IST)Updated: Thu, 02 Dec 2021 10:53 PM (IST)
दुर्घटना व प्रदूषण का सबब बन रहे जुगाड़ वाहन
दुर्घटना व प्रदूषण का सबब बन रहे जुगाड़ वाहन

फिरोज खान, फुरसतगंज,(अमेठी) : सड़कों पर जुगाड़ से बने वाहन धड़ल्ले से दौड़ रहे हैं। न तो कोई इन्हें रोकता है और न ही चेक करता है। जुगाड़ से बने वाहनों के न तो कोई कागज हैं और न ही बीमा। ये जुगाड़ वाहन जहां सड़कों पर फर्राटा भर नियम कानून की धज्जियां उड़ा रहे हैं तो वहीं दुर्घटना को भी आमंत्रण दे रहे हैं।

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जुगाड़ लगाकर बनाए गए वाहन (बाइक ठेला) बेरोक-टोक गांव से लेकर शहर तक की सड़कों पर दौड़ रहे हैं। पुरानी बाइक, स्कूटर, आटो रिक्शा व पंपसेट के इंजन व पुर्जों से तैयार वाहन कहीं भी देखे जा सकते हैं। इनका उपयोग कहीं सवारी तो कहीं माल ढुलाई के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है। दिनों दिन इनकी संख्या काफी बढ़ती ही जा रही है। छोटे इलाकों से निकलकर अब इनका उपयोग कस्बों, बाजारों व शहर में सीमेंट, बालू, सरिया, लकड़ी की ढुलाई के कार्य में लिया जा रहा है। लोग भले ही जुगाड़ वाहन के सहारे दो वक्त की रोटी का जुगाड़ कर परिवार का पालन पोषण कर रहे हों, लेकिन जागरूकता के अभाव में यह नियम कानून तोड़ने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ रहे हैं। वहीं जिम्मेदार विभाग भी ऐसे वाहनों पर कार्रवाई करने से कतरा रहा है।

-प्रदूषण के लिए खतरा बना जुगाड़ वाहन

जुगाड़ से बने वाहन प्रदूषण फैलाने में भी आगे हैं। इसके लिए न तो प्रदूषण का सर्टिफिकेट है और न ही साइलेंसर ही मानक अनुरूप लगाए गए हैं। जिससे इन वाहनों से वायु प्रदूषण के साथ ही ध्वनि प्रदूषण भी हो रहा है।

-रजिस्ट्रेशन खत्म हो चुकी बाइकों का होता है जुगाड़ वाहनों में इस्तेमाल

ज्यादातर जुगाड़ से बने ठेला गाड़ियों में जिन बाइकों का रजिस्ट्रेशन खत्म हो चुका होता है उन्हीं का इस्तेमाल किया जाता है। वहीं चोरी की बाइकों के जुगाड़ वाहनों में प्रयोग होने से भी इंकार भी नहीं किया जा सकता। ऐसे वाहनों की न तो चेकिग की जाती है और न ही कोई इन्हें पूछता है।

-20 से 30 हजार में तैयार होते हैं वाहन

जुगाडू ठेला चालकों की मानें तो बाइक ठेला तैयार करवाने में 20-30 हजार रुपये की लागत आती है। कोई भी पुरानी बाइक लेकर रिक्शा ठेला में फिट कर दिया जाता है और ठेला बाइक तैयार हो जाती है। कम लागत के चलते बाइक ठेला लोगों की कमाई का जरिया बन गया है।

-बोले जिम्मेदार

वाहन को माडिफाई करना सड़क नियम के विरुद्ध है। चेकिग के दौरान ऐसे वाहनों पर कार्रवाई की जाती है। -पुष्पांजलि गौतम, एआरटीओ प्रवर्तन


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