चुनावी रंजिश में चले ईंट पत्थर, कई घायल
ग्रामीणों की मानें तो कोड़री प्रधान मो. असगर व वहीद अहमद के बीच प्रधानी के चुनाव से ही रंजिश चली आ रही है। चुनाव के एक दिन पहले ही दोनों पक्षों में गाली गलौज व मारपीट की घटना हुई थी। हालांकि पुलिस ने मामले को रफा-दफा कर सुलह करा दिया था।
अमेठी : कोड़री में चुनावी रंजिश की आग धधक उठी। जिससे दो पक्षों में जमकर मारपीट व ईंट-पत्थर चले। पुलिस ने दोनों पक्षों की तहरीर पर मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई शुरू की है।
ग्रामीणों की मानें तो कोड़री प्रधान मो. असगर व वहीद अहमद के बीच प्रधानी के चुनाव से ही रंजिश चली आ रही है। चुनाव के एक दिन पहले ही दोनों पक्षों में गाली गलौज व मारपीट की घटना हुई थी। हालांकि पुलिस ने मामले को रफा-दफा कर सुलह करा दिया था। चुनाव के दिन बूथ पर भी तीखी नोकझोंक के बाद मामला शांत कराया गया था। ईद के दिन शाम को दोनों पक्षों में जमकर मारपीट हुई। घटना में चार लोग घायल हुए। पुलिस मौके पर पहुंच कर सुलह-समझौता करा दिया। शनिवार की सुबह अचानक दोनों पक्षों में फिर मारपीट शुरू हो गई। ईंट-पत्थर घंटों तक चले। इस दौरान आधा दर्जन लोग घायल हुए। वहीं कई घरों के खिड़की-दरवाजे के शीशे चकनाचूर हो गये। दो बाइकें भी क्षतिग्रस्त हो गईं।घटना में प्रधान पक्ष से मो. शब्बीर, मो.शाकिर,मताब अहमद, मो .शाहिद व विपक्षी वहीद, उस्मान, अरबाज, सोहील को चोटें आईं हैं। कोतवाल परशुराम ओझा ने बताया कि मारपीट की घटना में कार्रवाई की जा रही है। कानून व्यवस्था के साथ खिलवाड़ करने वालों से पुलिस सख्ती से निपटेगी।
काश! औरंगाबाद व भद्दौर की घटना से पुलिस सबक लेती : औरंगाबाद व भद्दौर गांव में चुनाव के समय मामूली विवाद पुलिस की निष्क्रियता से उग्र रूप धारण कर लिया था। औरंगाबाद की घटना में चुनाव के ठीक एक दिन पहले दो पक्षों में शराब व पैसे बांटने को लेकर विवाद बढ़ गया। पुलिस को सूचना दी गई, लेकिन पुलिस टालमटोल करती रही। अराजकतत्वों ने ईंट-पत्थर से कूँच कर तीन लोगों को मरणासन्न अवस्था में फेंक दिया था। घटना में इलाज के दौरान इमरान की मौत हो गई थी। पूर्व डीडीसी सदस्य मो. आलम के सिर में गंभीर चोट लगने से आज भी कोमा में है। वहीं भद्दौर गांव में चुनाव के दिन एक 60 वर्षीय वृद्ध को चुनावी रंजिश में लाठी-डंडों से पीटकर मौत के घाट उतार दिया गया था। दोनों घटनाओं में पुलिस की भूमिका पर सवाल उठे थे। हालांकि इन घटनाओं से पुलिस ने सबक नहीं लिया। चुनावी रंजिश के चलते यह तीसरी घटना हो गई।