नहीं बने संपर्क मार्ग, मुआवजे के लिए किसान जता रहे विरोध
निर्माण के एक साल बाद भी पुल पर आवागमन शुरू नहीं हो सका। किसान कर रहे अधिगृहीत जमीन का मुआवजा देने की मांग।
अमेठी : संग्रामपुर के शुकुलपुर गांव में मालती नदी पर पुल बनाने की मांग कई वर्षों से की जा रही थी। तीन साल पहले पुल का निर्माण कार्य शुरू हुआ। कार्यदायी संस्था की ओर से तकरीबन एक साल पहले पुल का निर्माण कार्य पूरा कर लिया गया। पुल के दोनों छोर पर पहुंच मार्ग नहीं बनने से लोगो को आवागमन में परेशानी उठानी पड़ रही है। इस मार्ग पर लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़क का निर्माण किया जाना है। किसानों के विरोध के चलते निर्माण कार्य एक साल से नहीं हो पा रहा है। किसानों की मांग है कि उनकी भूमि पर जबरन सड़क बनाना न्यायोचित नहीं है। इसके बदले उन्हें मुआवजा दिया जाए।
बहरहाल, पुल के निर्माण से भवसिंहपुर गांव होते हुए लोग कालिकन धाम ब्लाक मुख्यालय थाना कम समय में पहुंच जाएंगे। अभी तक संग्रामपुर के शुकुलपुर गांव में पुल का निर्माण नहीं होने से कई दर्जन गांवों के लोगों को कई किलोमीटर का अतिरिक्त सफर तय करना पड़ता था। दो साल पहले दो करोड़ तीस लाख की लागत से बनवाया गया था। ग्रामीण लगातार समस्या के निस्तारण की मांग कर रहे हैं। वहीं, किसान भी राजस्व विभाग से मुआवजे के लिए प्रार्थना पत्र दे रहे हैं।
सुरेन्द्र शुक्ला ने बताया कि मार्ग बनने का हमारा विरोध नही है। हमारी खतौनी की भूमि मार्ग में जा रही है। भूमि के बदले भूमि या मुआवजा दिया जाए, जिनकी भूमि सड़क पर जा रही है। सभी संबंधित लोग कई बार प्रार्थना पत्र भी दे चुके हैं। कृष्णा मिश्रा ने बताया कि पुल का निर्माण होने से माता कालिकन धाम और ब्लॉक मुख्यालय का सफर आसान हो जाएगा, जो भी समस्या उत्पन्न हुई है। उसका निस्तारण किया जाए।
विनोद मिश्रा ने बताया कि शुकुलपुर गांव के लोग कई दशक से पुल नही होने से परेशान थे। एक बड़ी समस्या का हल हुआ है, जिनकी भूमि मार्ग में जा रही है। उनके साथ न्याय होना चाहिए।
अरविन्द मिश्रा प्रधान प्रतिनिधि ने बताया कि एक साल से यह समस्या है पुल का निर्माण कार्य पूरा हो गया मार्ग आधा अधूरा पड़ा है पीडब्लूडी और राजस्व विभाग संयुक्त रूप से कार्रवाई करके किसानों को मुआवजा दे।
योगेन्द्र सिंह एसडीएम अमेठी ने बताया कि राजस्व टीम को गठित करके भूमि का चिन्हांकन करके रिपोर्ट तलब की जाएगी। रिपोर्ट आने से बाद पीडब्ल्यूडी को कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा। राकेश कुमार चौधरी, अधिशाषी अभियंता प्रांतीय खंड ने बताया कि किसानों ने हाईकोर्ट में भी याचिका दाखिल की थी, जो कि खारिज हो गई थी। लगभग 450 मीटर मार्ग अवरुद्ध है, जिस मार्ग पर सड़क बन रही है उस पर पहले से ही सोलिग हुई थी। एसडीएम को पत्र लिखा गया है। अगर किसी किसान की भूमि चिह्नित स्थल पर हो, उसका पूरा ब्योरा राजस्व विभाग दें। विभागीय कार्रवाई की जाएगी।